रायपुर। राज्य सरकार ने महतारी वंदन योजना की 17वीं किस्त जारी करते हुए महिलाओं को एक बार फिर बड़ी राहत दी है। महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से इस बार 69.23 लाख से अधिक महिलाओं के बैंक खातों में 647.66 करोड़ रुपये की सहायता राशि ट्रांसफर की गई है। हालांकि, जून की तुलना में इस बार करीब 7,000 महिलाओं को योजना से बाहर कर दिया गया है। जून माह में जहां 69,30,041 महिलाओं को लाभ मिला था, वहीं इस बार यह संख्या घटकर 69,23,167 रह गई है।
90 हजार महिलाओं के नाम लाभार्थी सूची से हटाया
योजना के क्रियान्वयन के बाद से अब तक लगभग 90 हजार महिलाओं के नाम लाभार्थी सूची से हटा दिए गए हैं। इनमें से करीब 48 हजार नाम उन महिलाओं के हैं जिनकी मृत्यु की सूचना मिलने के बाद सूची से बाहर किया गया। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, यह जानकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, पर्यवेक्षकों, परियोजना अधिकारियों और हितग्राहियों के परिजनों से प्राप्त होती है। प्रत्येक माह की 28 तारीख तक एकत्रित की गई मृत्यु की जानकारी पोर्टल पर अपलोड की जाती है, जिसके आधार पर नामों को सूची से हटाने की प्रक्रिया पूरी की जाती है।
योजना की शुरुआत में कई महिलाओं ने ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से आवेदन किया था। जांच के दौरान सामने आया कि कुछ महिलाओं के आधार कार्ड 10 साल से अधिक पुराने और निष्क्रिय हो चुके थे, जिस कारण उनके नाम सूची से हटा दिए गए। वहीं, कुछ महिलाएं शासकीय सेवा में होने के बावजूद योजना का लाभ ले रही थीं। इस संबंध में शिकायत मिलने पर उनके नाम हटाए गए और दी गई राशि की वसूली की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके साथ ही, संदेहास्पद लाभार्थियों को चिन्हांकित कर ‘होल्ड फॉर इन्क्वायरी’ की श्रेणी में डालते हुए उनका भुगतान फिलहाल रोक दिया गया है।
आधार कार्ड हर 10 वर्षों में अपडेट कराना अनिवार्य
महिला एवं बाल विकास विभाग ने लाभार्थी महिलाओं से आग्रह किया है कि वे जल्द से जल्द अपने आधार कार्ड का अपडेट कराएं, ताकि सरकारी योजनाओं की राशि मिलने में कोई रुकावट न आए। विभाग ने बताया कि आधार कार्ड को हर 10 वर्षों में अपडेट कराना अनिवार्य है। कई महिलाओं का भुगतान सिर्फ इसलिए रद्द करना पड़ा क्योंकि उनका आधार इनएक्टिव पाया गया।
पंजीयन पोर्टल के दोबारा खुलने का इंतजार
प्रदेश की लाखों महिलाएं अब भी सरकारी योजना के लाभ से वंचित हैं, क्योंकि वे पंजीयन पोर्टल खुलने के पहले चरण में आवेदन नहीं कर सकीं। इनमें कई महिलाएं ऐसी भी हैं जो पिछले डेढ़ साल में योजना के लिए पात्र हो चुकी हैं, लेकिन पंजीयन का मौका न मिलने से उन्हें लाभ नहीं मिल पाया। हालांकि, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने पंजीयन पोर्टल को दोबारा खोलने का आश्वासन दिया है, जिससे इन महिलाओं को राहत मिलने की उम्मीद जगी है।