क्रेडा अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी एवं सीईओ राजेश सिंह राणा ने ली अधिकारियों की मैराथन समीक्षा बैठक

० प्रदेश में कार्यशीलता, पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए क्रेडा प्रतिबद्ध
रायपुर।  मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय नेतृत्व में सौर ऊर्जा योजनाओं क सफल क्रियान्वयन हेतु दिये गये दिशा-निर्देश पर भूपेन्द्र सवन्नी, अध्यक्ष, क्रेडा एवं राजेश सिंह राणा, सीईओ, क्रेडा ने “सुशासन तिहार 2025” के तहत प्राप्त आवेदनों एवं शिकायतों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को तत्परता, पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ सभी प्रकरणों के निस्तारण के स्पष्ट निर्देश दिए।
बैठक में समस्त जिला एवं जोनल कार्यालयों के अधिकारी भौतिक रूप से उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्यभर में क्रेडा द्वारा संचालित योजनाओं विशेषतः जल जीवन मिशन, सौर सुजला योजना, सोलर हाई मास्ट, सोलर पावर प्लांट तथा अन्य सौर ऊर्जा आधारित परियोजनाओं की प्रभावशीलता एवं निरंतरता सुनिश्चित करना एवं नवाचार के माध्यम से अधिक से अधिक सौर संयंत्रो की स्थापना सुनिश्चित करने का था।
जल जीवन मिशन कार्यशीलता की समीक्षा और ठोस निर्देश
जल जीवन मिशन के अंतर्गत स्थापित सोलर संयंत्रों की ग्राउंड रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। संयंत्रों की वास्तविक स्थिति, कार्यशीलता प्रतिशत, वारंटी की स्थिति, मरम्मत संबंधी प्रक्रियाओं एवं सामग्रियों की उपलब्धता पर बिंदुवार चर्चा की। अधिकारियों से कहा कि “जनता को निर्बाध पेयजल आपूर्ति हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। संयंत्रों की कार्यशीलता में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।’’
निर्देश दिए कि वारंटी अवधि में यदि स्थापना एजेंसी मरम्मत नहीं करती है तो सुरक्षा निधि से तुरंत मरम्मत कराई जाए। वारंटी के बाहर संयंत्रों की मरम्मत के लिए जिला प्रशासन से समन्वय कर आवश्यक फंड सुनिश्चित की जाए।
सौर सुजला योजना फेस-9 हेतु निर्धारित लक्ष्य को शीघ्रातिशीघ्र पूर्ण करने हेतु गहन मंथन
बैठक में सौर सुजला योजना अंतर्गत जिलावार निर्धारित किये गये लक्ष्य की शीघ्रातिशीघ्र पूर्ति हेतु प्रत्येक जिले के अधिकारी से पृथक-पृथक चर्चाकर संयंत्र स्थापना में आ रही समस्याओं की जानकारी प्राप्त करते हुए समस्या को दूर करने हेतु प्रधान कार्यालय स्तर से संयंत्र स्थापनाकर्ता इकाईयों आवश्यक निर्देश जारी करने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया गया।
सुशासन तिहार के दौरान प्राप्त आवेदनों और शिकायतों पर विस्तृत रिपोर्टिंग –
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में आयोजित “सुशासन तिहार 2025” के दौरान क्रेडा को 40,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुई थीं, जिनमें प्रमुखता से विभिन्न प्रकार के संयत्रों की स्थापना संबधी माँग एवं संयंत्रों की कार्यशीलता सुनिश्चित करे।
गुणवत्ता, पारदर्शिता और प्रभावशील सेवा की दिशा में मजबूत कदम –
क्रेडा सी.ई.ओ. राणा ने कहा कि “क्रेडा न केवल संयंत्र स्थापित करने वाली संस्था है, बल्कि यह जिम्मेदारी से संचालन और रखरखाव के लिए भी प्रतिबद्ध है। हमारी सोच केवल इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं, सेवा की निरंतरता और जनविश्वास की स्थापना है।”
उन्होंने प्रदेश भर के अधिकारियों को जनकल्याण में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए प्रेरित किया और कहा कि सुशासन तिहार सिर्फ एक अभियान नहीं बल्कि जनभागीदारी और जवाबदेही का प्रतीक है।
इस उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक ने न केवल राज्य में संचालित योजनाओं की मौजूदा स्थिति को उजागर किया, बल्कि प्रशासन की तत्परता और सजगता को भी दर्शाया।
क्रेडा प्रदेश को ऊर्जा स्वावलंबन की दिशा में लगातार आगे ले जा रहा है, जहाँ हर गांव, हर घर तक साफ, सुलभ और सतत ऊर्जा पहुँचाना लक्ष्य है।
नवाचार के क्षेत्र में कार्य हेतु अधिकारियों को निर्देश –
क्रेडा अध्यक्ष भूपेन्द्र सवन्नी द्वारा अधिकारियों को निर्देश दिये गए कि सुशासन तिहार 2025 के अंतर्गत क्रेडा को प्राप्त समस्त आवेदनों का प्रभावी एवं गुणवत्तापूर्ण निराकरण किया जाना है। सौर सुजला योजना के क्रियान्वयन के संबंध में निर्देश दिये गए कि यह योजना कृषकों के उत्थान की योजना है, जिसका ससमय एवं प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाना है। इसके अतिरिक्त सौर ऊर्जा के क्षेत्र में नवाचार करने हेतु निर्देशित करते हुए कहा कि राज्य में सोलर पार्क डेव्हलप करने हेतु कृषि हेतु अयोग्य भूमि का चिन्हांकन कर जिले के राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर प्रस्ताव तैयार किया जाये। राज्य के ट्रायबल आश्रम-छात्रावासों को सौर ऊर्जीकृत करने हेतु सर्वेक्षण कर विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया जाये, साथ ही ऊर्जा शिक्षा उद्यान के व्यापक प्रचार-प्रसार करने तथा पार्क की खूबियों से जनमानस को अवगत कराने हेतु विभिन्न स्कूलों एवं शिक्षा संस्थानों से संपर्क कर छात्र-छात्राओं को ऊर्जा पार्क की विशेषताओं से अवगत कराया जाए। स्वास्थ्य केन्द्रों को पूर्ण रूप से सौर ऊर्जीकृत करने के उद्देश्य से संभागवार प्रस्ताव तैयार के निर्देश दिये गये। इसके अतिरिक्त कोयला खदान वाले क्षेत्रों में रात्रि के समय प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु सोलर हाई मास्ट स्थापना के संबंध में विशेष प्रयास किये जाने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये।

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