छत्तीसगढ़ में दो बड़े भ्रष्टाचार के खुलासे: यूनिवर्सिटी क्लर्क और पटवारी रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ में मंगलवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की दो बड़ी कार्रवाइयों में एक क्लर्क और एक पटवारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। दोनों मामलों में सरकारी कामों के एवज में पैसों की मांग की गई थी।

रायपुर: रविशंकर यूनिवर्सिटी के क्लर्क ने मांगी थी पेंशन निकालने की रिश्वत

राजधानी रायपुर स्थित छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी विश्वविद्यालय, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के वित्त विभाग में पदस्थ क्लर्क दीपक शर्मा को ACB की टीम ने 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा।

शिकायतकर्ता प्रकाश ठाकुर, जो यूनिवर्सिटी का ही रिटायर्ड कर्मचारी है, ने बताया कि पेंशन और ग्रेच्युटी प्रक्रिया में देरी के चलते जब वह दीपक शर्मा से मिला, तो उसने 30 हजार रुपए की मांग की। प्रकाश ने इसकी शिकायत रायपुर ACB को दी, जिसके बाद ट्रैप प्लान के तहत दीपक शर्मा को 10 जून को गिरफ्तार कर लिया गया।

 

मुंगेली: पटवारी ने दस्तावेज सुधार के नाम पर मांगी रिश्वत

दूसरी कार्रवाई मुंगेली जिले में हुई, जहां पटवारी उत्तम कुर्रे को 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया।
बिलासपुर के टोप सिंह अनुरागी ने ACB को शिकायत दी थी कि उनके ग्राम केसलीकला स्थित ज़मीन के दस्तावेजों में त्रुटियों को सुधारने के एवज में पटवारी ने 25 हजार रुपए मांगे थे। दस्तावेज़ों में नाम और संबंधों की गलत प्रविष्टियां थीं।
शिकायत के सत्यापन के बाद 10 जून को जब टोप सिंह ने पटवारी को रिश्वत दी, ACB की टीम ने उसे मुंगेली के सुरी घाट स्थित कार्यालय से रंगे हाथों पकड़ लिया।

दोनों मामलों में आरोपी सरकारी कर्मचारी अब न्यायिक कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। ACB की ये सख्त कार्रवाई राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी मुहिम को और मजबूती देती है।

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