बोरई/दुर्ग। 37 छत्तीसगढ़ बटालियन एनसीसी दुर्ग द्वारा पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय, बोरई में चल रहे वार्षिक प्रशिक्षण शिविर के तीसरे दिन एनसीसी कैडेटों ने अनुशासन और प्रशिक्षण से भरपूर दिन बिताया। सुबह की शुरुआत शारीरिक व्यायाम से हुई, जिसके बाद कैडेटों को विविध प्रकार की सैन्य व सामाजिक गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया गया।

ड्रिल प्रशिक्षण सत्र में बीएचएम दीपक महत ने कैडेटों को सावधान, विश्राम, आराम से जैसे आदेशों के साथ वर्ड ऑफ कमांड की बारीकियों की जानकारी दी। वहीं, हवलदार अमृत थापा ने नक्शे की मूलभूत जानकारी साझा की।

फायरिंग प्रशिक्षण बना आकर्षण का केंद्र
हवलदार विशाल रोका और नायक टुक लाल ने कैडेटों को .22 राइफल के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसमें राइफल का पूरा नाम, निर्माण स्थल, वजन, निरीक्षण प्रक्रिया, फायरिंग की पोजीशन और टारगेट की विभिन्न विधियों के बारे में बताया गया। हवलदार मुस्कान पून ने राइफल की हैंडलिंग और प्रोसिजर को लेकर व्यावहारिक जानकारी दी। कैडेटों को बघेरा स्थित एसटीएफ बटालियन के फायरिंग रेंज में ले जाकर फायरिंग का वास्तविक अनुभव भी प्रदान किया गया। इस दौरान सूबेदार एस. आर. कुजूर, हवलदार रॉबिन पौडेल और सीएचएम धुबा थापा ने थल सेना कैंप चयन प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी।

स्वास्थ्य, नेतृत्व और कर्तव्यों की सीख
हेल्थ एंड हाइजीन पर लेफ्टिनेंट डॉ. हरीश कुमार कश्यप ने कैडेटों को स्वास्थ्य और स्वच्छता के महत्व को समझाया। सेंट्रल लेक्चर सत्र में फर्स्ट अफसर मनोज भारद्वाज ने एनसीसी कैडेट्स के कर्तव्यों पर प्रकाश डाला, जबकि कैप्टन संतोष मिश्रा ने नेतृत्व विकास पर प्रेरणादायक विचार साझा किए।

खेल व सांस्कृतिक गतिविधियां भी रही शामिल
शाम को कैडेटों ने वॉलीबॉल, खो-खो और कबड्डी जैसे खेलों में हिस्सा लिया। रात्रिकालीन सत्र में कैडेटों ने आगामी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारी में उत्साहपूर्वक भाग लिया।

पूरे शिविर की गतिविधियों का संचालन कैंप कमांडेंट कर्नल प्रेमजीत के नेतृत्व में, सूबेदार मेजर थानेश्वर गुरुंग, लेफ्टिनेंट संतोष यादव, फर्स्ट अफसर आर. सी. जांगड़े, थर्ड अफसर फूलेश्वरी, केयरटेकर सरस्वती बंजारे तथा अन्य एनसीसी अधिकारियों और पीआई स्टाफ के सहयोग से किया गया।

मीडिया को उक्त जानकारी लेफ्टिनेंट निलेश तिवारी और लेफ्टिनेंट डॉ. हरीश कुमार कश्यप द्वारा दी गई।