पूर्वोत्तर में मानसूनी बारिश के बाढ़ बिगड़े हालात: आसमानी आफत से अब तक 43 मौतें, सात लाख लोग प्रभावित; अब भी यलो अलर्ट

दिल्ली। मानसूनी बारिश की आफत पूर्वोत्तर में बाढ़ बनकर आई है। असम में ब्रह्मपुत्र और बराक समेत 15 से अधिक छोटी-बड़ी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। कई राज्यों में बहुत बड़ा क्षेत्र बाढ़ की चपेट में है। लगभग 7 लाख लोग प्रभावित हुए हैं, हजारों मकान ध्वस्त या बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। हजारों लोगों को राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। अब तक 43 लोगों की जान भी जा चुकी है।

असम और मेघालय में भारी तबाही देखने को मिल रही है। दोनों ही राज्यों में बाढ़ की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। असम में 21 जिले बाढ़ की चपेट में है और 6.32 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। स्थानीय मौसम केंद्र ने 11 जिलों में आंधी-तूफान और बारिश को लेकर यलो अलर्ट जारी किया है। सड़क, रेल और फेरी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।

पूर्वोत्तर में 5 जून तक लगातार होगी बारिश
दक्षिण-पश्चिम मानसून समय से लगभग आठ दिन पहले आने के बाद ठिठक गया है। अब इसके 11 जून से फिर गति पकड़ने की उम्मीद है। इस बीच, जहां तक मानसून पहुंचा है वहां भारी बारिश हो रही है। इनमें दक्षिण भारत के केरल और आंध्र प्रदेश समेत पूर्वोत्तर के सभी राज्य शामिल हैं। पूर्वोत्तर में खासतौर पर ज्यादा नुकसान पहुंचा है। मौसम विभाग के मुताबिक 5 जून तक पूर्वोत्तर में बारिश जारी रहने की संभावना जताई है। इससे स्थिति के और खराब होने की आशंका है।

मिजोरम में 5 मौतें
बारिश और बाढ़ से मिजोरम भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बीते 10 दिनों के दौरान मूसलाधार बारिश के चलते भूस्खलन की 552 घटनाएं हुई हैं और 152 घरों को नुकसान पहुंचा है। इन घटनाओं में 5 लोगों की जान चली गई है। भूस्खलन या दरारों के कारण 198 परिवारों ने अपने घर छोड़ दिए हैं और बाढ़ के कारण 92 अन्य ने अपने घर खाली कर दिए हैं। बाढ़ से राज्य के 11 जिले प्रभावित हुए हैं। बारिश के चलते 10 जिलों में मंगलवार को पांचवें दिन भी स्कूल बंद रहे।

सिक्किम में 1,700 लोगों का हुआ रेस्क्यू
सिक्किम में भूस्खलन के बाद फंसे 34 लोगों को दो एमआई-17 वी5 हेलिकॉप्टरों की मदद से सुरक्षित निकाल कर पास के पाकयोंग हवाई अड्डे पर पहुंचाया गया है। राज्य में राज्य के विभिन्न हिस्सों में फंसे अब तक 1,700 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।

अब भी सैनिकों-सैलानियों की तलाश जारी
सिक्किम के लाचेन शहर के छतेन में सैन्य शिविर पर भूस्खलन के बाद लापता छह सैनिकों की तलाश तेज कर दी गई है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 23 सदस्यीय टीम को भी तलाशी अभियान में लगाया गया है। वहीं, उफनती तीस्ता नदी में वाहन के साथ बहे आठ लोगों की तलाश भी तेज कर दी गई है। 29 मई की रात वाहन एक हजार फीट नीचे नदी में गिर गया था। इसमें 11 लोग सवार थे, जिनमें से दो लोगों को सुरक्षित निकाल गया था, जबकि एक की मौत हो गई थी, शेष लोगों का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है। वहीं, मेघालय में एनडीआरएफ के जवान इंदौर की एक लापता पर्यटन की तलाश में जुटे हैं। महिला के पति का शव एक दिन पहले पूर्वी खासी हिल्स जिले के सोहरा इलाके में एक खड्ड में मिला था, जिसकी पहचान राजा रघुवंशी (29) के रूप में हुई थी। राजा और उनकी पत्नी सोनम 23 मई से ही लापता थे। एनडीआरएफ की 17 सदस्यीय टीम सोनम की तलाश में जुटी है।

पीएम मोदी ने राज्यों के सीएम से की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम और सिक्किम के मुख्यमंत्रियों और मणिपुर के राज्यपाल से बात कर बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। जानकारी के मुताबिक पूर्वोत्तर क्षेत्र में बाढ़ और भूस्खलन के कारण असम में 17, अरुणाचल में 11, मेघालय में 6, मिजोरम में 5, सिक्किम में 3 और त्रिपुरा में 1 व्यक्ति की मौत हुई हैं।

बिहार में ओलावृष्टि से सात लोगों की मौत
बिहार के सीवान जिले में भारी बारिश और ओलावृष्टि के कारण कम से कम सात लोगों की मौत हो गई। आपदा प्रबंधन विभाग (डीएमडी) ने बताया कि जिले के बड़हरिया, बसंतपुर, लकड़ी नबीगंज और गौरैया कोठी समेत कई हिस्सों में भारी बारिश और ओलावृष्टि हुई, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई। कई घरों को भी नुकसान पहुंचा है और कई पेड़ भी उखड़ गए हैं।

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