सिक्किम में भूस्खलन से बाढ़ ने मचाई तबाही: 1600 से ज्यादा पर्यटकों को किया गया रेस्क्यू, 6 जवान अभी भी लापता

दिल्ली । सिक्किम के कई इलाकें बारिश के कारण भूस्खलन की चपेट में आ गए हैं। लाचुंग और चुंगथांग में 1,678 पर्यटक फंसे थे, इन्हें रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर सुरक्षित बाहर निकाला गया है।कल मंगन जिले के छातेन में एक सैन्य शिविर में भूस्खलन हुआ, जिसमें 3 जवानों की मौत हो गई और 6 अन्य लापता हैं। लेकिन लाचुंग में अभी भी 100 से ज्यादा लोग ऐसे हैं, जो वहीं फंसे हुए हैं।

अधिकारीयों ने बताया कि कुछ पर्यटकों को वहां से निकालर गंगटोक ले जाया गया और लाचेन में फंसे लोगों को निकालने की कोशिश जारी है। भारी बारिश के कारण मंगन जिले में भूस्खलन हुआ। इससे सड़कें बाधित हो गईं।

छातेन में 3 जवानों की मौत और 6 की तलाश जारी
छातेन में जिन तीन जवानों की मौत हुई है, उनके नाम लखविंदर सिंह, लांस नायक मुनिश ठाकुर और पोर्टर अभिषेक लखड़ा है। वहीं सेना ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। 6 लापता जवानों की तलाश जारी है।
बीआरओ ने सड़क नेटवर्क को बहाल करने का काम शुरू किया है। ताकि वाहनों की आवाजाही फिर से शुरू हो सके। वहीं एक अधिकारी ने बताया कि वाहनों के काफिले ने पर्यटकों को फंदाग पहुंचाया। इस काफिले में 7 से ज्यादा पुरुष, 561 महिलाएं और 380 बच्चे थे।

नॉर्थ ईस्ट राज्यों में बारिश के कहर से तीस्ता नदी उफान पर
पिछले 4 दिन से नॉर्थ ईस्ट राज्यों में लगातार बारिश हो रही है। बताया जा रहा है बताया जा रहा है इन इलाकों में लगभग 130 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई। इस वजह से लाचुंग, गुरुडोंगमार, लाचेन फूलों की घाटी जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर गहरा असर पड़ा है। तीस्ता नदी में भी बहुत ज्यादा जल भर गया है।
आपदा के कारण कई स्थानों पर दरारें भी पड़ गई हैं। वहीं बताया जा रहा है लाचेन में दो पुल भी तबाह हो गए, लाचेन और लाचुंग की ओर जाने वाले जरूरी रास्ते पूरी तरह से कट गए थे। भारतीय सेना, एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। खराब मौसम और दुर्गम इलाके में राहत कार्य में दिक्कत हो रही है।

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