न्यायालयों में ऑनलाइन गवाही की व्यवस्था सुनिश्चित करें- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

० मुख्यमंत्री ने दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले के अधिकारियों की संयुक्त बैठक में विकास कार्यों की समीक्षा की

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बीजापुर जिला मुख्यालय में आयोजित संयुक्त समीक्षा बैठक के दौरान न्यायिक व्यवस्था को जनहितैषी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए कहा कि “दूरस्थ अंचलों में रहने वाले ग्रामीणों को समय पर और सुलभ न्याय दिलाने के लिए न्यायालयों में ऑनलाइन गवाही की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीक का उपयोग कर न्यायिक प्रक्रिया को सहज और तेज़ किया जा सकता है, जिससे आम लोगों को राहत मिलेगी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह व्यवस्था विशेष रूप से आदिवासी अंचलों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी जहाँ आवागमन की कठिनाइयों के चलते लोग न्यायालय तक नहीं पहुंच पाते। बैठक में जिले के प्रभारी मंत्री केदार कश्यप , विधायक चैत राम अट्टामी, पूर्व मंत्री महेश गागड़ा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, डीजीपी अरुण देव गौतम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह आयुक्त जनसंपर्क डॉ. रवि मित्तल, संभाग आयुक्त डोमन सिंह, दोनों जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि “सुशासन तिहार” सिर्फ एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि शासन की पारदर्शिता और जवाबदेही का प्रतिबिंब है। उन्होंने बताया कि सुशासन तिहार 2025 तीन चरणों में चलाया जा रहा है, और तीसरे चरण में वे स्वयं जिलों का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीते डेढ़ वर्षों में हमने मोदी की गारंटी के वादों को प्राथमिकता से लागू किया है, जिससे आमजन में सरकार के प्रति विश्वास और मजबूत हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते डेढ़ वर्षों में बस्तर संभाग में नक्सलवाद के खिलाफ प्रभावशाली कार्रवाई हुई है। उन्होंने मार्च 2026 तक नक्सलवाद के समूल उन्मूलन का संकल्प दोहराते हुए कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों के लिए रहवास, पुनर्वास, कौशल प्रशिक्षण और रोजगार की पूरी व्यवस्था की जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि एनएमडीसी और निजी क्षेत्र की भागीदारी से प्लेसमेंट कैंप आयोजित किए जाएं ताकि ये युवा मुख्यधारा में आत्मविश्वास से लौट सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय अंचलों में स्थानीय संसाधनों के अनुरूप रोजगार के अवसर विकसित किए जाएं। उन्होंने 1460 पंचायतों में शुरू हुए अटल सेवा केंद्रों की जानकारी देते हुए कहा कि अब ग्रामीणों को बैंकिंग जैसी सेवाएं गांव में ही मिलेंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय बाहुल्य बस्तर क्षेत्र खनिज एवं वनोपज संपदा से समृद्व है। यहां के रहवासियों की आय संवृद्धि और उन्हें विकास की मुख्यधारा से सकारात्मक प्रयास कर रहे हैं। बस्तर के समग्र विकास को सुनिश्चित कर बस्तर ही नहीं समूचे छत्तीसगढ़ और देश को मार्च 2026 तक बस्तर से माओवाद का समूल उन्मूलन करेंगे। उन्होंने वनोपज संग्रहण , प्रसंस्करण और खेती को जनजातीय समुदाय के समृद्धि के जरूरी निरूपित करते हुए खेती-किसानी को बढ़ावा देने सहित सिंचाई के साधनों के विकास और कृषि के आनुषांगिक गतिविधियों मछलीपालन, पशुपालन, बकरापालन, सूकरपालन और दुग्ध उत्पादन के लिए बेहतर प्रयास किए जाने के निर्देश दिए। वहीं बस्तर में पर्यटन सुविधाओं के विकास पर फोकस कर इसके जरिए रोजगार को बढ़ावा देने कहा।

मुख्यमंत्री ने बस्तर के ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सुविधा केन्द्र के जरिए आम जनता को ज्यादा से ज्यादा सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने कहा। उन्होंने नियद नेल्लानार योजनांतर्गत सम्बन्धित क्षेत्रों में सड़क, पुल-पुलिया तथा अन्य विकास कार्यों को टीम भावना के आगे बढ़ाते हुए जन सेवा में जुटे रहने के निर्देश दिए। वहीं शासन की सभी योजनाओं का कारगर क्रियान्वयन किए जाने तथा व्यक्तिमूलक योजनाओं से प्रत्येक पात्र व्यक्तियों को सेचुरेशन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

बीजापुर के कलेक्टर ने जानकारी दी कि समर कैम्प और बाल शिक्षा मित्र कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाई जा रही है। दंतेवाड़ा जिले में परीक्षा परिणामों में उल्लेखनीय सुधार (हाई स्कूल में 10% और हायर सेकेंडरी में 4% वृद्धि) पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों की सराहना की।

मुख्यमंत्री ने नई औद्योगिक नीति के अंतर्गत राइस मिल लगाने के लिए दी गई रियायतों की जानकारी दी और स्थानीय युवाओं को इससे जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने ऊंची भूमि में मक्का की खेती को प्रोत्साहित करने की बात कही ताकि कृषक आय में वृद्धि हो।

मुख्यमंत्री साय ने मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सेवा योजना की जानकारी देते हुए कहा कि बस्तर और सरगुजा संभाग के अंदरूनी गांवों को मुख्य मार्ग से जोड़ा जाएगा। उन्होंने बीजापुर और दंतेवाड़ा कलेक्टर को रूट चिन्हांकन कर प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से आग्रह किया कि टीम भावना से कार्य करें और जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। बैठक में डीजीपी अरुण देव गौतम ने भी समन्वयपूर्ण कार्यशैली पर बल दिया।

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