दुर्ग। मानसून से पहले शहर के नालों की सफाई होनी चाहिए थी, लेकिन दुर्ग नगर निगम की निष्क्रियता और दिखावटी सफाई अभियान से हालात और बिगड़ गए हैं। लाखों रुपये खर्च कर खरीदी गई पौंड मशीन अब कहीं नजर नहीं आ रही और पुलगांव नाला पूरी तरह जलकुंभी से पटा पड़ा है।
जनता को दिखाया सपना, जमीन पर जीरो काम
नगर निगम और जनप्रतिनिधियों ने मशीन खरीदने के बाद महापौर और विधायक की फोटो जारी कर प्रचार किया। लेकिन आज वह मशीन ना कार्यस्थल पर दिखती है, ना ही उसका कोई प्रभाव नाले की स्थिति पर नजर आता है।
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8 कड़वे सवाल, जो जनता पूछ रही है
1. पौंड मशीन कहाँ गई?
जनता का पैसा खर्च हुआ — लेकिन मशीन नदारद।
मशीन की उपयोगिता सिर्फ फोटो खिंचवाने तक?
2. नाले में जलकुंभी क्यों अब तक फैली है?
पुलगांव नाले की सफाई अब तक क्यों नहीं हुई?
इंटकवेल तक जलकुंभी पहुँच चुकी है, जिससे पानी सप्लाई बाधित हो सकती है।
3. सफाई सिर्फ पोस्टर-बैनर तक सीमित?
महासफाई अभियान सिर्फ सोशल मीडिया स्टंट बनकर रह गया है।
4. बाजार और घनी बस्तियों की नालियाँ क्यों नहीं खुलतीं?
शहर के भीतर की नालियाँ स्लैब से ढकी हैं — वहां क्यों नहीं कार्रवाई?
5. निगम की सफाई सिर्फ कमजोर वार्डों में?
क्या निगम सिर्फ उन इलाकों में दिखावा कर रहा है, जहाँ जनता विरोध नहीं कर सकती?
6. बीमारियों का खतरा क्यों नजरअंदाज?
गंदगी, मच्छर और जलजमाव से डेंगू-मलेरिया का खतरा मंडरा रहा है।
7. क्या सफाई अभियान सिर्फ गरीबों पर दबाव डालने का जरिया है?
बाहरी वार्डों के स्लैब तोड़े जा रहे हैं, जबकि मुख्य बाजार क्षेत्र में निगम चुप है।
8. जिम्मेदारों पर कोई कार्यवाही होगी क्या?
महापौर, आयुक्त और जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही कौन तय करेगा?
शहरवासियों की माँग
पौंड मशीन को तत्काल सक्रिय किया जाए।
पुलगांव नाला और अन्य प्रमुख नालों की सफाई युद्ध स्तर पर की जाए।
स्लैब हटाकर वास्तविक डोर-टू-डोर सफाई अभियान चलाया जाए।
निगम की कार्यशैली की जन सुनवाई और स्वतंत्र जांच करवाई जाए।