मोहम्मद हसन खान
यह रही आपकी दी गई जानकारी के आधार पर तैयार की गई एक समाचार रिपोर्ट, जो भावनात्मक, सांस्कृतिक और तथ्यात्मक संतुलन के साथ प्रस्तुत की गई है:
कवर्धा, 6 मई 2025:
गोंडवाना धर्म-संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणास्पद पहल के तहत पीजी कॉलेज मैदान, कवर्धा में दिनांक 3 और 4 मई 2025 को गोंडवाना स्वजातीय सामूहिक विवाह समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस पावन अवसर पर कुल 32 जोड़ों ने प्रकृति सिद्धांत और पारंपरिक नेंग-दस्तूर के अनुसार वैवाहिक बंधन में बंधकर एक नई जीवन यात्रा की शुरुआत की।
यह आयोजन गोंडी धर्म संस्कृति संरक्षण समिति, छत्तीसगढ़ तथा छत्तीसगढ़ गोंडवाना संघ के संयुक्त तत्वावधान में, युवा प्रभाग के सहयोग से आयोजित किया गया। कार्यक्रम का मार्गदर्शन परमश्रद्धेय गोंडवाना गुरूदेव दुर्गे भगत सिदार और गुरूमाता दुर्गे दुलेश्वरी सिदार के आशीर्वाद में सम्पन्न हुआ। वहीं दूल्हा देव, दूल्ही दाई, बुढ़ादेव, बुढ़ीमाई एवं भोरमदेव की कृपा से समस्त आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न किया गया।
समारोह की विशेष बात यह रही कि यह संपूर्ण आयोजन समाज के सामूहिक सहयोग से हुआ, जिसमें प्रत्येक परिवार द्वारा मात्र 20 रुपये और 1 किलो चावल का अंशदान दिया गया। आयोजन में अब तक शासन की कोई आर्थिक सहायता नहीं ली गई है, जिससे समाज की आत्मनिर्भरता और संगठन की एकता का परिचय मिला।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से छत्तीसगढ़ गोंडी धर्म संस्कृति संरक्षण समिति से लच्छन मरकाम (संयोजक), चंद्रभान नेताम (अध्यक्ष), महासचिव प्रीतम छेदैईहा, आर. के. कुंजाम, छत्तीसगढ़ गोंडवाना संघ से सोनऊ ध्रुवे (अध्यक्ष), घनश्याम जगत, मध्यप्रदेश समिति से दिलीप सैय्याम (संयोजक), प्रेम सिंह श्याम (अध्यक्ष), राजेश सरोटे (सचिव), युवा प्रभाग से प्रकाश नेताम (संयोजक), मनोज मंडावी (संरक्षक), छाया मरकाम (संगठन सचिव), मोहन ध्रुवे सहित हजारों की संख्या में समाजजन उपस्थित रहे।
समारोह में पारंपरिक गीत-संगीत, नृत्य और रीति-रिवाजों के माध्यम से गोंडवाना संस्कृति की जीवंत झलक देखने को मिली। आयोजकों ने बताया कि यह आयोजन प्रतिवर्ष इसी भव्यता से आयोजित किया जाता रहेगा, ताकि समाज में एकता, परंपरा और संस्कृति की जड़ें और मजबूत हो सकें।