रायपुर, 4 मई 2025। छत्तीसगढ़ सरकार ने पारंपरिक आदिवासी चिकित्सा और औषधीय वनस्पतियों के संवर्धन की दिशा में एक नई शुरुआत करते हुए विकास मरकाम को छत्तीसगढ़ आदिवासी, स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया है। राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित पदभार ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और श्री मरकाम को नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दीं।
बस्तर-सरगुजा में हर्बल मिशन को मिलेगी गति
मुख्यमंत्री साय ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बस्तर और सरगुजा जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्रों में औषधीय पौधों की भरपूर संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा,
“बैगा-गुनिया और वैद्य पारंपरिक ज्ञान के स्रोत हैं, इनके अनुभवों को संरक्षित कर आधुनिक स्वास्थ्य प्रणाली से जोड़ने की जरूरत है।”
सीएम ने इस बात पर बल दिया कि औषधि पादपों का रोपण न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है बल्कि यह ग्रामीणों के लिए आजीविका का मजबूत साधन भी बन सकता है।
पद्मश्री वैद्य हेमंचद मांझी का उल्लेख
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अबूझमाड़ के हेमंचद मांझी को पद्मश्री सम्मान दिए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि यह पारंपरिक वैद्यक के महत्व को राष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने वाला कदम है।
बोर्ड के सामने नई चुनौतियां और जिम्मेदारियां
आदिम जाति विकास मंत्री राम विचार नेताम ने कहा कि श्री मरकाम के नेतृत्व में बोर्ड निश्चित ही अपने उद्देश्यों को प्राप्त करेगा। उन्होंने सुझाव दिया कि:
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पारंपरिक वैद्यों के ज्ञान का डाटाबेस तैयार किया जाए
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औषधीय पौधों का वैज्ञानिक दस्तावेजीकरण किया जाए
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आदिवासी चिकित्सा को जनकल्याण से जोड़ा जाए
वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का “ऑक्सीजन जोन” है, जहां 67 प्रकार के वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है। इससे लाखों ग्रामीणों को आर्थिक लाभ हो रहा है।
समारोह में हुई विशेष सहभागिता
समारोह में पूर्व राज्यसभा सांसद समीर उरांव, रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह, विधायक राजेश मूणत, मोतीलाल साहू, गजेंद्र यादव, नीलकंठ टेकाम, और प्रणव मरपच्ची सहित कई प्रमुख जनप्रतिनिधि, वैद्य, आर्युवेदाचार्य और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।