रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार ने विभिन्न स्वीकृतियों और सेवाओं को निश्चित समय-सीमा में प्रदान करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही कई नई सेवाओं को भी छत्तीसगढ़ लोक सेवा गारंटी अधिनियम, 2011 के तहत अधिसूचित कर दिया गया है। यह पहल निवेशकों के विश्वास को और मजबूत करेगी तथा राज्य में औद्योगिक विकास को नई गति देगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि,
“छत्तीसगढ़ को निवेशकों के लिए देश का सबसे अनुकूल राज्य बनाना हमारी प्राथमिकता है। औद्योगिक विकास से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। हमारी सरकार त्वरित, पारदर्शी और जवाबदेह सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।”
सेवाओं की समय-सीमा इस प्रकार निर्धारित की गई है:
-
खतरनाक और अन्य अपशिष्ट प्रबंधन अनुमति – 60 दिन
-
बायो-मेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन अनुमति – 60 दिन
-
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन स्वीकृति – 30 दिन
-
निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन अनुमति – 30 दिन
-
नदी या जलाशयों से जल दोहन अनुमति – 300 दिन
-
जल आपूर्ति प्रमाण पत्र जारी करना – 90 दिन
-
भवन निर्माण से संबंधित सभी स्वीकृतियां (प्लान स्वीकृति से पूर्णता प्रमाण पत्र तक) – 45 दिन
-
लिफ्ट और एस्केलेटर पंजीकरण, नवीनीकरण और निरीक्षण – 45 दिन
-
स्टार्टअप इकाइयों का पंजीकरण – 45 दिन
प्रश्नों और शिकायतों का समाधान:
-
निवेशकों के प्रश्नों का उत्तर – 7 दिन में
-
निवेशकों की शिकायतों का निराकरण – 15 दिन में
-
सेवा क्षेत्र इकाइयों के प्रश्नों का उत्तर – 7 दिन में
-
सेवा क्षेत्र इकाइयों की शिकायतों का निराकरण – 15 दिन में
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाया गया है ताकि निवेशकों को अनावश्यक बाधाओं का सामना न करना पड़े। सरकार का उद्देश्य है कि छत्तीसगढ़ जल्द ही देश के औद्योगिक नक्शे पर एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित हो।
यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। सरकार का यह प्रयास निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ को औद्योगिक विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध होगा।