पहलगाम आतंकी हमले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अपने हाथों में ले ली है। गृह मंत्रालय के आदेश पर एनआईए की टीम, जिसमें एक आईजी, एक डीआईजी और एक एसपी शामिल हैं, बायसरन घाटी में चश्मदीदों से गहन पूछताछ कर रही है। जांच का मकसद हमले की साजिश के हर पहलू को उजागर करना है। टीमें बुधवार से घटनास्थल पर डटी हैं और फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से आतंकियों के प्रवेश और निकास बिंदुओं का विश्लेषण कर रही हैं।
हमले के बाद घाटी में सुरक्षा एजेंसियों ने 63 से अधिक आतंकी ठिकानों पर छापे मारे और 1,500 से ज्यादा संदिग्धों को हिरासत में लिया। अकेले अनंतनाग जिले से 175 संदिग्ध पकड़े गए हैं। श्रीनगर सहित कई अन्य इलाकों में भी आतंकियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ अभियान जारी है। इसी दौरान, सक्रिय 14 स्थानीय आतंकियों की सूची भी जारी की गई, जो पाकिस्तानी आतंकियों को सहायता पहुंचाते थे।
पुलवामा, शोपियां और कुलगाम जिलों में आतंकियों के घरों को ध्वस्त कर दिया गया है। इनमें लश्कर और हिजबुल के कई शीर्ष कमांडरों के घर शामिल हैं। हमले के मुख्य संदिग्ध आदिल ठोकर और आसिफ शेख के घरों में तलाशी के दौरान विस्फोट भी हुआ था।
शनिवार को श्रीनगर में एक दर्जन से अधिक जगहों पर तलाशी अभियान चला। वहीं अनंतनाग में भी सख्त चौकसी बरती जा रही है। सुरक्षाबलों ने कुपवाड़ा में एक आतंकी ठिकाना नष्ट कर बड़ी साजिश नाकाम कर दी, जहां से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ।
पहलगाम आतंकी हमले की जांच तेज़ी से आगे बढ़ रही है और सुरक्षाबल हर सुराग को खंगालने में जुटे हैं, ताकि आतंकवाद की इस साजिश को जड़ से खत्म किया जा सके।