रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रविवार को अपने निवास कार्यालय में राजस्व विभाग के कार्यों की गहन समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आम नागरिकों को त्वरित और सहज राजस्व सेवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि राजस्व विभाग के कार्यों से शासन की छवि बनती है, इसलिए विभागीय कार्यों में पारदर्शिता और समयबद्धता अत्यंत आवश्यक है।
राजस्व सेवाओं में त्वरितता पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री साय ने फौती–नामांतरण की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही से बचने और विधिक वारिसान के पक्ष में समय-सीमा के भीतर नामांतरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि तय समय सीमा में नामांतरण नहीं होता है, तो संबंधित पटवारियों की जिम्मेदारी तय कर कठोर कार्रवाई की जाए।
उन्होंने आरबीसी 6-4 के अंतर्गत पीड़ित परिवारों को तात्कालिक सहायता तुरंत उपलब्ध कराने पर भी बल दिया। मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों के बीच प्रभावी समन्वय स्थापित कर सहायता कार्यों में विलंब न होने के निर्देश दिए, ताकि प्रभावित परिवारों को अनावश्यक रूप से भटकना न पड़े।
राजस्व न्यायालयों के संचालन में सुधार
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व न्यायालयों का संचालन सप्ताह में न्यूनतम दो दिन अनिवार्य रूप से किया जाए और प्रयास रहे कि दो पेशियों में ही प्रकरणों का निराकरण हो। उन्होंने अनावश्यक रूप से पेशी तिथियों को बढ़ाने से बचने के सख्त निर्देश भी दिए।
डिजिटल तकनीक के अधिकतम उपयोग पर बल
ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल तकनीक के अधिकतम उपयोग को बढ़ावा देने की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने डायवर्सन प्रक्रिया को सरल और सहज बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने अविवादित नामांतरण और बंटवारे के मामलों में अनावश्यक विलंब करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने को भी कहा।
डिजिटल क्रॉप सर्वे की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने राजस्व, कृषि, खाद्य तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभागों की संयुक्त टीम गठित कर भूमि और फसल से जुड़ी सटीक जानकारी एकत्रित करने के निर्देश दिए।
विभागीय प्रगति की जानकारी
राजस्व सचिव अविनाश चंपावत ने समीक्षा बैठक में विभागीय कार्यों की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि भूमि अभिलेखों का कंप्यूटरीकरण, पंजीयन का डिजिटलीकरण और मॉडर्न रिकॉर्ड रूम का कार्य लगभग पूर्णता की ओर है। साथ ही उन्होंने राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली के डिजिटलीकरण, किसान पंजीयन, डिजिटल क्रॉप सर्वे और जियो-रेफरेंसिंग कार्यों की प्रगति से भी अवगत कराया।
चंपावत ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री के पूर्व निर्देशों के अनुरूप जिलों में लंबे समय से एक ही स्थान पर पदस्थ पटवारियों का स्थानांतरण भी नियमित रूप से किया जा रहा है।
राजस्व मंत्री का वक्तव्य
राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा कि शासन द्वारा निर्धारित नियमों के अनुरूप जमीन की खरीदी-बिक्री सुनिश्चित की जाए और राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का समयबद्ध निराकरण कर भू-धारकों को शीघ्र राहत प्रदान की जाए।
बैठक में प्रमुख अधिकारी रहे उपस्थित
इस समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, राहुल भगत, डॉ. बसवराजू, चिप्स के सीईओ प्रभात मलिक तथा राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कथन:
“राजस्व विभाग का कार्य सीधे आम जनता से जुड़ा है। पारदर्शिता, त्वरित निष्पादन और समयबद्धता बेहद जरूरी है। सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदनों का सर्वोच्च प्राथमिकता से निराकरण करें और राजस्व सेवाओं को आम नागरिकों तक सहजता से पहुँचाएं।”
राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा का कथन:
“आम नागरिकों को त्वरित न्याय और सुविधा देना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। जमीन की खरीदी-बिक्री शासन के निर्धारित नियमों के अनुरूप हो और लंबित प्रकरणों का समयबद्ध निराकरण हो।”