तेहरान। ईरान के दक्षिणी बंदरगाह शाहिद राजाई में शनिवार, 26 अप्रैल 2025 को एक भीषण विस्फोट हुआ, जिसमें कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई और 700 से अधिक लोग घायल हो गए। यह हादसा बंदर अब्बास के समीप स्थित सिना कंटेनर यार्ड में हुआ, जो ईरान का सबसे बड़ा वाणिज्यिक बंदरगाह है और रणनीतिक होर्मुज जलडमरूमध्य के निकट स्थित है।
विस्फोट का कारण और प्रभाव
प्रारंभिक रिपोर्टों के मुताबिक, एक छोटी सी आग ने कई कंटेनरों को अपनी चपेट में ले लिया, जिनमें खतरनाक रसायन और ज्वलनशील सामग्री मौजूद थी। आग के फैलते ही जोरदार विस्फोट हुआ, जिससे काले धुएं का विशाल गुबार उठा और कई किलोमीटर दूर तक दिखाई दिया।
विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि आसपास की कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं और खिड़कियों के शीशे टूट गए। इसकी आवाज़ क़ेश्म द्वीप तक सुनी गई, जो लगभग 26 किलोमीटर दूर स्थित है।
ईरानी अधिकारियों ने घटना की जांच शुरू कर दी है। राष्ट्रीय ईरानी तेल रिफाइनिंग और वितरण कंपनी ने पुष्टि की है कि उनके बुनियादी ढांचे को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।
मिसाइल ईंधन से जुड़ी संभावनाएं
कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया है कि इस विस्फोट से पहले शाहिद राजाई बंदरगाह पर मार्च 2025 में चीन से सोडियम पर्क्लोरेट की एक बड़ी खेप पहुंची थी। सोडियम पर्क्लोरेट ठोस रॉकेट ईंधन के निर्माण में प्रयोग होता है और ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के लिए अहम है।
जानकारी के अनुसार, यह खेप दो जहाजों — ‘गोलबोन’ और ‘जायरन’ — के माध्यम से लाई गई थी, जिसमें ‘गोलबोन’ जहाज पर 1,000 टन सोडियम पर्क्लोरेट लोड था। विशेषज्ञों का मानना है कि इस रसायन का उपयोग ईरान के मध्य-सीमा बैलिस्टिक मिसाइलों के ईंधन उत्पादन में किया जाना था, खासकर उन प्रयासों को फिर से सक्रिय करने के लिए जो अक्टूबर 2024 में इजराइल द्वारा किए गए हमलों से बाधित हुए थे।