मुंबई/दिल्ली। 2008 के मुंबई आतंकी हमलों की साजिश रचने वाले आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा से एनआईए (NIA) और मुंबई क्राइम ब्रांच ने दिल्ली में गहन पूछताछ की। बुधवार को महाराष्ट्र से पहुँची क्राइम ब्रांच टीम ने राणा से 8 घंटे से अधिक पूछताछ की, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, वह गोलमोल जवाब दे रहा है और जांच में सहयोग नहीं कर रहा।
17 साल की कोशिश के बाद हुआ प्रत्यर्पण
तहव्वुर राणा को हाल ही में अमेरिका से प्रत्यर्पण कर भारत लाया गया है। अमेरिका की निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तक ने भारत के दावों को मानते हुए प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी। इस प्रक्रिया में एनआईए, विदेश मंत्रालय और अमेरिकी एजेंसियों का अहम योगदान रहा।
डेविड हेडली के साथ साजिश का खुलासा
जांच एजेंसियों का मानना है कि तहव्वुर राणा ने अपनी कंसल्टेंसी फर्म के जरिए डेविड कोलमैन हेडली को मुंबई भेजा, जहां उसने ताज महल होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस जैसे स्थानों की रेकी की। हेडली ने लश्कर-ए-तैयबा को मुंबई हमलों के लिए जरूरी इनपुट दिए थे। इस हमले में 166 लोग मारे गए, जिनमें 6 अमेरिकी नागरिक और यहूदी समुदाय के सदस्य भी शामिल थे।
क्यों है यह पूछताछ अहम?
एनआईए के अधिकारियों के अनुसार, राणा से मिली जानकारी मुंबई हमले के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क और लश्कर-ए-तैयबा के अभी तक अनछुए लिंक को उजागर कर सकती है। उसकी पूछताछ से पाकिस्तान के भीतर मौजूद साजिशकर्ताओं और फंडिंग नेटवर्क पर भी रोशनी पड़ सकती है।