बिलासपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां बिलासपुर रेलवे रिश्वतकांड में CBI ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के चीफ इंजीनियर विशाल आनंद को गिरफ्तार किया है। उन पर ठेका दिलाने के नाम पर रिश्वत लेने का गंभीर आरोप है।
CBI की इस जांच में झाझरिया कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर सुशील झाझरिया को भी हिरासत में लिया गया है। बताया जा रहा है कि उन्होंने रेलवे टेंडर में फायदा पहुंचाने के लिए कथित रूप से घूस की मांग की थी।
मामले में विशाल आनंद के भाई कुणाल आनंद और रेलवे कर्मचारी मनोज पाठक को भी हिरासत में लिया गया है। CBI की टीम ने बिलासपुर स्थित कई ठिकानों पर एक साथ छापा मारा है, जिसमें रेलवे कॉन्ट्रैक्टर के दफ्तर और संबंधित जगहें शामिल हैं।
विशेष रूप से झाझरिया कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के जगमल चौक स्थित कार्यालय और झाझरिया के निजी निवास पर 8 से 10 अधिकारियों की टीम ने छापेमारी की। इस दौरान दस्तावेजों की गहराई से जांच की गई।
फिलहाल CBI की छानबीन जारी है और आने वाले दिनों में इस घोटाले से जुड़े अन्य खुलासे भी हो सकते हैं। यह मामला रेलवे विभाग में भ्रष्टाचार की गंभीरता को उजागर करता है और इससे जुड़े सभी पहलुओं पर अब बारीकी से नजर रखी जा रही है।
बिलासपुर रेलवे रिश्वतकांड देश के प्रशासनिक तंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही की जरूरत पर फिर से सवाल खड़े कर रहा है।