दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में भारतीय नौसेना के अधिकारी विनय नरवाल की हत्या कर दी गई। विनय और उनकी नई पत्नी हाल ही में शादी के बाद हनीमून के लिए कश्मीर गए थे, लेकिन आतंकवादियों ने उन्हें अपना निशाना बना लिया। इस दुखद घटना ने न केवल एक परिवार की खुशियों को चुराया, बल्कि पूरे देश को ग़मगीन कर दिया।
विनय की बहन की दर्दनाक चीखें
विनय नरवाल की बहन ने जब अपने भाई की चिता को मुखाग्नि दी, तो वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो गईं। कांपते हुए हाथों से, फूट-फूटकर रोते हुए उसने कहा, “मेरा भाई डेढ़ घंटे तक जिंदा था, कोई होता तो वो बच सकता था।” उसकी इस बात को सुनकर वहां मौजूद हर किसी का दिल टूट गया। बहन ने बताया कि गोली लगने के बाद भी विनय जिंदा थे, लेकिन सही समय पर मदद नहीं मिल पाई, जिसकी वजह से उन्होंने अपनी जान गंवा दी।
मुख्यमंत्री के सीने से लगी बहन की दिल दहलाने वाली गुहार
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विनय के अंतिम संस्कार में शिरकत की। जब विनय की बहन ने मुख्यमंत्री से सीने से लगकर रोने की कोशिश की, तो पूरे माहौल में ग़म का माहौल बन गया। उसने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई, “जिन लोगों ने मेरे भाई को मारा है, वो मुझे मरे हुए चाहिए।” उसके शब्दों में केवल गुस्सा ही नहीं, बल्कि टूटे हुए दिल की चीत्कार भी थी।
पत्नी की आंखों के सामने हुआ कत्ल
इस घटना की सबसे भयावह बात यह है कि विनय की हत्या उसकी पत्नी के सामने हुई। वह केवल चिल्ला रही थी, मदद की गुहार लगा रही थी, लेकिन वहां कोई मदद के लिए नहीं आया। पत्नी ने बताया कि जब वे सड़क किनारे भेलपुरी खा रहे थे, तभी एक व्यक्ति आया और विनय से पूछा, “क्या तुम मुस्लिम हो?” और जब विनय ने मना किया, तो उसने ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं।
हनीमून से मातम की विदाई
विनय और उनकी पत्नी ने 16 अप्रैल को शादी के सात फेरे लिए थे और 19 अप्रैल को उनका रिसेप्शन हुआ था। इसके कुछ ही दिनों बाद, वे अपनी नई शादीशुदा जिंदगी का आनंद लेने के लिए कश्मीर गए थे, लेकिन कोई नहीं जानता था कि हनीमून के दौरान पत्नी को अपने पति की लाश के साथ घर लौटना पड़ेगा।