रायपुर। न्याय और शासन व्यवस्था के चार स्तंभों — न्यायपालिका, पुलिसिंग, जेल प्रबंधन और विधिक सहायता — पर आधारित इंडियन जस्टिस रिपोर्ट (IJR) 2025 हाल ही में प्रकाशित की गई है। इस रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ ने पुलिसिंग के क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन करते हुए देशभर में चौथा स्थान प्राप्त किया है।
वर्ष 2022 में राज्य का स्थान 9वां था, लेकिन बेहतर रणनीति, तकनीकी उपयोग और प्रशासनिक सुधारों के चलते इस बार छत्तीसगढ़ ने शीर्ष पांच में जगह बना ली है।
📌 रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु:
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🏆 पुलिसिंग में देश में चौथा स्थान
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⚖️ विधिक सहायता में भी मजबूत प्रदर्शन
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🧑⚖️ न्यायपालिका के क्षेत्र में 8वां स्थान
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📈 68 में से 41 संकेतकों में सुधार
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🧑✈️ मानव संसाधन में कमी एक बड़ी चुनौती
🚓 पुलिसिंग में सफलता के कारण
विशेषज्ञों और प्रशासन का मानना है कि छत्तीसगढ़ की इस उपलब्धि के पीछे कई कारक हैं:
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डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम और तकनीकी नवाचार
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थानों का आधुनिकीकरण और ई-एफआईआर जैसी सेवाएं
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सामुदायिक पुलिसिंग मॉडल का प्रभावी कार्यान्वयन
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महिला और जनजातीय क्षेत्रों में पुलिस की सुलभता में सुधार
⚖️ न्यायपालिका और विधिक सहायता में प्रदर्शन
हालांकि छत्तीसगढ़ को न्यायपालिका के क्षेत्र में 8वां स्थान प्राप्त हुआ है, लेकिन इसमें सुधार की गुंजाइश बनी हुई है। वहीं, विधिक सहायता सेवा के मामले में राज्य की पहलें सराहनीय रही हैं:
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ग्रामीण व आदिवासी क्षेत्रों में निःशुल्क विधिक शिविरों का आयोजन
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ई-लोक अदालतों और वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए त्वरित न्याय
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राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की सक्रिय भागीदारी