नई दिल्ली। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में रेड अलर्ट के बीच मूसलाधार बारिश और बर्फबारी की पुष्टि की। कश्मीर घाटी के गुरेज में भारी बर्फबारी के कारण आठवीं तक के स्कूल बंद कर दिए गए हैं। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, बिहार, झारखंड और ओडिशा समेत कई राज्यों में तेज हवाओं और ओलावृष्टि के साथ बारिश दर्ज की गई है।
दक्षिण भारत में भी कोंकण, गोवा, छत्तीसगढ़ से लेकर कर्नाटक और केरल तक मौसम सक्रिय रहा। पूर्वोत्तर के सातों राज्यों में भी बारिश रिकॉर्ड की गई है।
पश्चिमी विक्षोभ से बिगड़ रहा है मौसम
पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और झारखंड-बांग्लादेश क्षेत्र पर बने चक्रवाती परिसंचरण के कारण मौसम में उथल-पुथल मची हुई है। 20 अप्रैल को 20 राज्यों में आंधी, बिजली, बारिश और ओलावृष्टि की संभावना जताई गई है। जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, लद्दाख और झारखंड में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
कश्मीर में बर्फबारी से बंद हुए रास्ते
कश्मीर में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जबरदस्त बर्फबारी हुई है। सिंथन टॉप पर बर्फबारी की वजह से अनंतनाग-किश्तवाड़ मार्ग बंद कर दिया गया है। राजदान पास, गुरेज, जोजिला पास, अफरवट, मच्छिल और पहलगाम के पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फ जम गई है, जिससे यातायात बाधित हो गया है।
पंजाब में तूफान से भारी नुकसान
पंजाब के कैथल सहित कई जिलों में शुक्रवार रात आई तेज आंधी और बारिश से सैकड़ों पेड़ गिर गए और लगभग 130 बिजली के खंभे उखड़ गए। कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित रही और गेहूं की फसल को भी नुकसान पहुंचा। प्रमुख सड़कों पर पेड़ गिरने से आवाजाही भी प्रभावित हुई।
जलवायु परिवर्तन से खेती पर संकट
एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि अगर वैश्विक तापमान 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ता है तो दुनिया की 52% कृषि भूमि पर फसलों की विविधता घट जाएगी। यह शोध नेचर फूड जर्नल में प्रकाशित हुआ है, जिसे फिनलैंड, जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड के वैज्ञानिकों ने मिलकर तैयार किया।
इस शोध में बताया गया कि अगर तापमान 3 डिग्री बढ़ता है, तो 56% कृषि भूमि पर फसल विविधता समाप्त हो सकती है। सबसे ज्यादा असर उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया जैसे क्षेत्रों में पड़ेगा, जहां 70% से ज्यादा जमीन प्रभावित होगी।