रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को नया नेतृत्व मिल गया है। वरिष्ठ शिक्षाविद् और समाजसेवी डॉ. वर्णिका शर्मा ने आज रायपुर स्थित आयोग के कार्यालय में आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। इस अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक किरण सिंह देव और धरमलाल कौशिक भी उपस्थित रहे। सभी ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उन्हें शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री साय ने दी शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने डॉ. वर्णिका शर्मा को आयोग की अध्यक्ष बनने पर बधाई देते हुए कहा कि “बाल संरक्षण के क्षेत्र में उनका अनुभव सराहनीय है। विशेषकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों के लिए उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है। उनके नेतृत्व में आयोग बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रभावी ढंग से कार्य करेगा।”
नई ऊर्जा के साथ काम करेगा आयोग: लक्ष्मी राजवाड़े
महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि “डॉ. शर्मा का अनुभव और नेतृत्व आयोग को नई ऊर्जा देगा। बच्चों की सुरक्षा, अधिकारों की रक्षा और न्याय सुनिश्चित करने में आयोग की भूमिका अब और सशक्त होगी।”
डॉ. शर्मा का संकल्प: बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि
पदभार ग्रहण करने के बाद डॉ. वर्णिका शर्मा ने कहा कि “बच्चों के अधिकारों की रक्षा और जागरूकता फैलाना मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। आयोग बच्चों से जुड़ी हर शिकायत और समस्या पर संवेदनशील और त्वरित कार्यवाही करेगा।”
आयोग की भूमिका और कार्यक्षेत्र
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन ने बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 के अंतर्गत 16 जून 2010 को आयोग की स्थापना की थी। आयोग का मुख्य उद्देश्य राज्य में बच्चों के अधिकारों की रक्षा, उनके उल्लंघन की रोकथाम और न्याय सुनिश्चित करना है।
आयोग के प्रमुख कार्यों में शामिल हैं:
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संकटग्रस्त और वंचित बच्चों की सुरक्षा
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बालगृहों और संरक्षण संस्थानों का निरीक्षण
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शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण से संबंधित नीतियों की निगरानी
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शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के क्रियान्वयन की समीक्षा
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किशोर न्याय अधिनियम 2015 (संशोधित 2021) के अंतर्गत देखरेख व्यवस्था की निगरानी