रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य को नक्सलवाद से मुक्त करने की दिशा में एक बड़ा और संवेदनशील कदम उठाया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार ने “छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण, पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति 2025” लागू की है, जो हिंसा छोड़ने वाले युवाओं को समाज की मुख्यधारा में लौटने का अवसर दे रही है — वह भी सम्मान और सुरक्षा के साथ।
नीति का उद्देश्य
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नक्सलवाद की जड़ पर प्रहार करना
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भटके युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ना
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हिंसा की जगह विकास और शांति को बढ़ावा देना
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आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास और रोज़गार की व्यवस्था देना
क्या-क्या मिलेंगे लाभ?
1. सुरक्षा और पुनर्वास की गारंटी:
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आत्मसमर्पण के बाद ट्रांजिट कैंप या पुनर्वास केंद्र में सुरक्षित ठहराव
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सामाजिक सुरक्षा और राज्य संरक्षण
2. मासिक मानदेय:
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तीन वर्षों तक प्रति माह ₹10,000 का मानदेय
3. रोजगार एवं स्वरोजगार योजनाएं:
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कौशल विकास प्रशिक्षण
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सरकारी योजनाओं से जुड़ाव
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शहरी क्षेत्र में प्लॉट या ग्रामीण क्षेत्र में कृषि भूमि का प्रावधान
4. तेज़ और समयबद्ध पुनर्वास:
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120 दिनों के भीतर पूरी पुनर्वास प्रक्रिया
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का संदेश
“हम हर उस युवा के साथ हैं जो हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास की राह पर लौटना चाहता है। सरकार उसे न सिर्फ पुनर्वास देगी बल्कि समाज में सम्मान से जीने का पूरा अवसर भी देगी।”