बीजापुर। छत्तीसगढ़ के वन विभाग में भ्रष्टाचार के नए मामले उजागर हो रहे हैं। बीजापुर वन मंडल के पूर्व DFO अशोक पटेल, जो लघु वनोपज संघ मर्यादित बीजापुर के पदेन प्रबंध संचालक भी थे, उनके खिलाफ एक और मामला सामने आया है।

सूत्रों के अनुसार, जब अशोक पटेल बीजापुर में पदस्थ थे, तब उन्होंने बीजापुर और मददेड़ में लघु वनोपज संघ के लिए दो गोदामों का निर्माण करवाया था। प्रत्येक गोदाम की लागत करीब 1 करोड़ 33 लाख रुपये थी, जिसमें चौकीदार कम ऑफिस का निर्माण भी शामिल था। लेकिन, बिना चौकीदार कम ऑफिस का निर्माण कराए ही पूरा भुगतान निकाल लिया गया। इस प्रकार, 24 लाख रुपये के घोटाले का आरोप उन पर लग रहा है।

निर्माणाधीन गोदाम की दुर्दशा
गोदाम का निर्माण गुणवत्ताहीन तरीके से किया गया।
गोदाम बने अभी 3 वर्ष भी पूरे नहीं हुए, लेकिन जार्जर होने की कगार पर हैं।
निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया, जिससे भवन में दरारें और छत में सीलन देखी जा रही है।
भविष्य में यह गोदाम उपयोग लायक रहेगा या नहीं, इस पर भी सवाल उठ रहे हैं।
अतिरिक्त राशि की भी मांग!
आश्चर्यजनक रूप से, इस अनियमितता के बावजूद, अशोक पटेल ने महाप्रबंधक/CCF जगदलपुर से चौकीदार कम ऑफिस के लिए अतिरिक्त राशि की मांग भी की थी। वहीं, सुकमा वन मंडल के तोंगपाल में इसी तरह का एक गोदाम बनाया गया, जिसमें चौकीदार कम ऑफिस भी बना और उसका भुगतान सही तरीके से हुआ।
अशोक पटेल पर भ्रष्टाचार के कई आरोप
यह पहला मामला नहीं है जब अशोक पटेल पर इस तरह के आरोप लगे हों। हाल ही में उन्हें सुकमा में आदिवासियों के तेंदूपत्ता बोनस में घोटाले के कारण निलंबित किया गया था। उनके निलंबन के बाद से लगातार नए-नए घोटाले उजागर हो रहे हैं।

पूर्व में DFO रहते हुए उनका रुतबा इतना था कि विभागीय कर्मचारी उनके खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत नहीं कर पाते थे। लेकिन अब जब वे पद से हट चुके हैं, तो छोटे कर्मचारी भी उनके कारनामों का खुलासा कर रहे हैं।
और भी घोटालों के खुलासे की संभावना
सूत्रों की मानें तो अशोक पटेल के कार्यकाल से जुड़े अन्य घोटाले भी जल्द सामने आ सकते हैं। विभागीय जांच चल रही है और यदि इन आरोपों की पुष्टि होती है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
(रिपोर्ट: 4thPillar News)