संविधान में आदिवासियों के अधिकार: जानिए उनके हक और सरकारी प्रावधान

नई दिल्ली। भारतीय संविधान में आदिवासियों (अनुसूचित जनजातियों) को विशेष अधिकार दिए गए हैं ताकि वे सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक रूप से सशक्त हो सकें। सरकार ने इन समुदायों की रक्षा और विकास के लिए कई संवैधानिक प्रावधान किए हैं, लेकिन इनके प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर सवाल भी उठते रहे हैं।

संविधान में आदिवासियों के प्रमुख अधिकार

संविधान के तहत आदिवासियों को शिक्षा, राजनीति और नौकरियों में आरक्षण समेत कई सुविधाएँ दी गई हैं।

  • अनुच्छेद 330 और 332 के तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में सीटों का आरक्षण।
  • अनुच्छेद 335 के अनुसार सरकारी नौकरियों में विशेष अवसर।
  • अनुच्छेद 19(5) के तहत जनजातीय भूमि और संसाधनों की सुरक्षा।
  • अनुच्छेद 46 में अनुसूचित जनजातियों के शैक्षिक और आर्थिक विकास पर जोर।

जनजातीय क्षेत्रों को विशेष संरक्षण

संविधान के अनुच्छेद 244 के तहत देश में जनजातीय क्षेत्रों के लिए विशेष व्यवस्थाएँ की गई हैं।

  • पांचवीं अनुसूची: सामान्य राज्यों के आदिवासी क्षेत्रों के लिए विशेष कानून।
  • छठी अनुसूची: पूर्वोत्तर राज्यों में स्वायत्त जनजातीय प्रशासन।

सरकारी योजनाएँ और कानून

  • वन अधिकार अधिनियम, 2006 – आदिवासियों को जंगल की भूमि पर अधिकार प्रदान करता है।
  • पेसा अधिनियम, 1996 – आदिवासी क्षेत्रों में ग्राम सभा को अधिक अधिकार देता है।
  • राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) – आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा और शिकायत निवारण के लिए कार्यरत।

वर्तमान स्थिति और चुनौतियाँ

हालांकि सरकार ने आदिवासियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए कई कानून बनाए हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इनके क्रियान्वयन में कई चुनौतियाँ बनी हुई हैं। कई आदिवासी संगठनों का कहना है कि भूमि अधिग्रहण, शिक्षा में पिछड़ापन और सरकारी योजनाओं का लाभ न मिलने जैसी समस्याएँ अब भी बनी हुई हैं।

विशेषज्ञों की राय

आदिवासी मामलों के विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को इन अधिकारों को प्रभावी रूप से लागू करने की दिशा में और अधिक प्रयास करने होंगे। साथ ही, आदिवासियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शिक्षा और रोजगार के अवसर बढ़ाने की जरूरत है।

निष्कर्ष

संविधान में आदिवासियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए कई प्रावधान किए गए हैं, लेकिन उनके सही क्रियान्वयन के बिना यह उद्देश्य अधूरा रह सकता है। सरकार और समाज, दोनों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि आदिवासी समुदायों को उनके हक पूरी तरह से मिलें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Post

Live Cricket Update

You May Like This

error: Content is protected !!

4th piller को सपोर्ट करने के लिए आप Gpay - 7587428786