दुर्ग। समाज सेवा और इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए, दुर्ग के एक परिवार ने अपनी मरहूमा वालिदा के ईसाले सवाब की नियत से मुस्लिम समाज के लिए एक बड़ी सौगात दी है। रिटायर्ड कृषि अधिकारी श्री शेख मजीद और उनके पुत्र शेख सफीक, शेख शकील, शेख मतीम और शेख रफीक ने समाज की भलाई के लिए एक विशेष वाहन “आख़िरी सफ़र” को मुस्लिम समाज को समर्पित किया।


आज जुमा के दिन, इस नेक पहल के तहत नूरी मस्जिद, केलाबाड़ी, दुर्ग में विधिवत रूप से इस वाहन को समाज की सेवा के लिए सुपुर्द किया गया। यह वाहन मुस्लिम समाज में जनाज़े और मैय्यत को लाने-लेजाने के लिए निःशुल्क सेवा प्रदान करेगा।

शेख मतिम की समाजसेवा में अहम भूमिका
शेख मजीद के सबसे छोटे बेटे शेख मतिम पिछले 10 वर्षों से लगातार समाजसेवा में सक्रिय हैं। वे खासकर गरीब बस्तियों और जरूरतमंदों के अधिकारों के लिए संघर्ष करते आए हैं। उनकी इस सेवा भावना के चलते वे समाज में एक प्रेरणा बने हुए हैं। गरीबों के हक के लिए उनकी मेहनत और निस्वार्थ सेवा को देखते हुए लोगों ने उनकी इस पहल की सराहना की।
समाज सेवा की मिसाल
इस पुनीत कार्य का उद्देश्य जरूरतमंद परिवारों की सहायता करना और अंतिम यात्रा को सम्मानजनक बनाना है। अकसर देखा जाता है कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार जनाज़े के इंतज़ाम में कठिनाइयों का सामना करते हैं। इसी जरूरत को समझते हुए शेख परिवार ने यह सराहनीय कदम उठाया।
इस अवसर पर मौलाना, समाजसेवी और बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग मौजूद रहे। उन्होंने शेख मजीद और उनके परिवार के इस नेक कार्य की सराहना करते हुए कहा कि “यह पहल समाज के लिए एक प्रेरणा है।”
मरहूमीन के लिए दुआएं
कार्यक्रम में शामिल लोगों ने शेख परिवार की मरहूमा वालिदा की मगफिरत और समाज के तमाम मरहूमीन के लिए दुआएं कीं। रमज़ान के इस मुकद्दस महीने में इस तरह की समाजसेवा को बेहद सवाब का काम माना जाता है।
अल्लाह तआला कुबूल फरमाए
समाज के लोगों ने इस पहल की जमकर सराहना की और दुआ की कि अल्लाह तआला इस नेक कार्य को कुबूल फरमाए, शेख परिवार को इसकी अज्र-ए-अजीम अता करे और उनकी मरहूमा वालिदा की मगफिरत फरमाए।
“आख़िरी सफ़र” – एक नेक शुरुआत
यह वाहन सेवा निश्चित रूप से समाज में ज़रूरतमंदों के लिए मददगार साबित होगी और एक नई मिसाल कायम करेगी। उम्मीद है कि इस पहल से प्रेरणा लेकर समाज के अन्य लोग भी इसी तरह के नेक कार्यों के लिए आगे आएंगे।