कैम्पा में 2.35 करोड़ का घोटाला? कोरबा के इन नालों में पानी से ज्यादा बहा भ्रष्टाचार, ज़ब चाचा कोतवाल तो डर काहे का की तर्ज में भ्रष्टाचार ! भ्रष्टाचार से DFO, SDO लाल, सुकमा की तरह 95 न सही 50 जमीन के पेपर मिलने के पक्का आसार।

कोरबा। छत्तीसगढ़ वन विभाग के कोरबा वन मंडल में कैम्पा मद से नरवा विकास योजना के तहत करोड़ों रुपये के निर्माण कार्यों में भारी अनियमितताएं सामने आई हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि 1.64 करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद स्ट्रक्चर या तो बने ही नहीं या घटिया गुणवत्ता के हैं।

जीरापानी नाला: 1.64 करोड़ का निर्माण, लेकिन गुणवत्ता शून्य!

वन विभाग के दस्तावेजों के अनुसार, जीरापानी नाला (कक्ष क्रमांक OA 1224, 1225, P 922, 923, 924, 925, 927) में ब्रश वुड चेक डैम, लूज बोल्डर चेक डैम, गेबियन संरचना, कंटूर स्टोन बंड, तालाब, चेक डैम और स्टॉप डैम बनाए जाने थे। लेकिन मौके पर सिर्फ कागजों में ही निर्माण हुआ, हकीकत में अधूरे और घटिया स्ट्रक्चर मिले।

कई ब्रश वुड चेक डैम और लूज बोल्डर चेक डैम बने ही नहीं।

तालाब का आकार बेहद छोटा, जेसीबी से खुदाई कर ली गई।

स्टॉप डैम और चेक डैम का निर्माण अनुमोदित मानकों के अनुरूप नहीं हुआ।

ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण में जंगल की रेत, घटिया गिट्टी और लोकल बोल्डर का उपयोग किया गया।

बरदरहा नाला: 16.68 लाख में जेसीबी से बना तालाब!

बरदरहा नाला (कक्ष क्रमांक P 1153) में भी कैम्पा मद से 16.68 लाख रुपये स्वीकृत किए गए थे, जिसमें 15.13 लाख सिर्फ तालाब गहरीकरण के लिए मिले। लेकिन हकीकत यह है कि—

तालाब की खुदाई जेसीबी मशीन से कराई गई, जबकि मैन्युअल कार्य का प्रावधान था।

तालाब की गहराई और चौड़ाई अनुमोदित मानकों से काफी कम है।

अन्य जल संरचनाओं का निर्माण भी नक्शे के अनुसार नहीं हुआ।

वीजाखर्रा नाला: 54 लाख में बना घटिया स्टॉप डैम!

वीजाखर्रा नाला (हाथीमुड़ा गांव, कक्ष क्रमांक P 1068) के लिए 54.11 लाख रुपये स्वीकृत किए गए थे, जिसमें सबसे बड़ा खर्च 50 लाख रुपये के स्टॉप डैम पर किया गया। लेकिन—

स्टॉप डैम की लंबाई, चौड़ाई, ऊंचाई और गहराई अनुमोदित एस्टीमेट के अनुरूप नहीं।

लूज बोल्डर चेक डैम (21 नग) में से कई मौके पर नहीं मिले।

गेबियन संरचना बेहद खराब, जगह-जगह से क्षतिग्रस्त।

एक साल में ही जर्जर हो गए करोड़ों के निर्माण!

मार्च 2024 तक पूरे किए गए ये निर्माण कार्य सिर्फ एक साल में ही खस्ताहाल हो चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सीमेंट और निर्माण सामग्री की घटिया गुणवत्ता के कारण स्ट्रक्चर पुराने और जर्जर दिखने लगे हैं। कई जगहों पर पपड़ी उखड़ने लगी है।

क्या होगी कार्रवाई ?

ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने इस पूरे मामले की जांच और दोषी अधिकारियों से वसूली की मांग की है। सवाल यह है कि क्या वनबल प्रमुख एवं पीसीसीफ श्री व्ही श्रीनिवास राव जी तथा श्रीमती ऋँचा शर्मा ACS छत्तीसगढ़ शासन वन विभाग इस भ्रष्टाचार पर कोई सख्त कदम उठाएंगे, या यह भी फाइलों में दफन हो जाएगा ?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Post

Live Cricket Update

You May Like This

error: Content is protected !!

4th piller को सपोर्ट करने के लिए आप Gpay - 7587428786

× How can I help you?