1971 की शर्मनाक हार को भूल गया पडोसी, बांग्लादेश में पाकिस्तानी सेना की एंट्री भारत के लिए कितना बड़ा सिरदर्द

Pakistan Army returns to Bangladesh first time since 1971:  1971 में बांग्लादेश की आज़ादी के बाद से भारत और बांग्लादेश के रिश्ते मजबूत हुए हैं, लेकिन हाल के घटनाक्रमों ने क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा कर दी है. पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच एक नया समझौता हुआ है, जिसके तहत पाकिस्तान की सेना बांग्लादेश के सैनिकों को प्रशिक्षण देगी. यह समझौता भारत के लिए एक बड़ा सुरक्षा खतरा बन सकता है. आइए जानते हैं कि इस घटनाक्रम से भारत के लिए क्या खतरे हो सकते हैं.

बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच सैन्य सहयोग का यह नया अध्याय 1971 के युद्ध के बाद का पहला बड़ा कदम है. पाकिस्तान सेना के जनरल सैमशाद मिर्जा ने बांग्लादेश को इस सैन्य प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रस्ताव दिया. यह प्रशिक्षण फरवरी 2025 से बांग्लादेश के चार कैनटोनमेंट क्षेत्रों में शुरू होगा. इन क्षेत्रों में बांग्लादेश सेना के प्रमुख प्रशिक्षण केंद्र शामिल हैं, जिनमें मयमेनसिंह भी एक महत्वपूर्ण केंद्र है.

भारत के लिए क्यों है यह चिंता का विषय?

भारत के लिए इस समझौते में कई संभावित खतरे हैं. पाकिस्तान के प्रशिक्षित अधिकारी पहले भी बांग्लादेशी सेना में महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं, और यह संभावना बनी रहती है कि पाकिस्तान का प्रभाव बांग्लादेशी सेना में फिर से बढ़ सकता है. पाकिस्तान के सेना अधिकारी अपनी नीतियों और विचारधाराओं को बांग्लादेशी सैनिकों में फैला सकते हैं, जो भारत के लिए एक बड़ी चिंता का कारण हो सकता है.

भारत लंबे समय से यह आरोप लगाता रहा है कि पाकिस्तान ने जम्मू और कश्मीर और पंजाब में आतंकवाद और विद्रोह को बढ़ावा दिया है. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि पाकिस्तान की सेना और उसकी खुफिया एजेंसी ISI भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रही है. इस संदर्भ में, अगर पाकिस्तान के अधिकारी बांग्लादेशी सेना को फिर से प्रशिक्षण देंगे, तो यह भारत के लिए एक गंभीर खतरे का कारण बन सकता है.

बांग्लादेश और भारत के रिश्ते

1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के बाद, भारतीय सेना ने अहम भूमिका निभाई थी. इसके बाद से बांग्लादेश में प्रमुख राजनीतिक दलों, खासकर अवामी लीग, ने भारत के साथ अपने रिश्तों को प्रगाढ़ किया है. बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार ने हमेशा भारत के साथ दोस्ताना संबंध बनाए रखने की कोशिश की है.

लेकिन अब, जब बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन हो रहा है और एक अंतरिम सरकार ने पाकिस्तान के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाने की कोशिश की है, तो यह भारत के लिए चिंता का कारण बन सकता है. पाकिस्तान की सेना, जो अक्सर भारत के खिलाफ आतंकवाद और हिंसा को बढ़ावा देती है, बांग्लादेश में भी अपने प्रभाव को फैला सकती है.

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