पूर्व सीएम बघेल के करीबी केके श्रीवास्तव को पुलिस ने घोषित किया भगोड़ा, ईडी ने दर्ज किया अपराध

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के करीबी केके श्रीवास्तव के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपराध दर्ज किया है। ईडी ने 50 करोड़ की मनी लाड्रिंग और हवाला का केस दर्ज किया है। ईडी ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। तेलीबांधा थाने में केके श्रीवास्तव के खिलाफ 500 करोड़ रुपये का ठेका दिलवाने के नाम से 15 करोड़ रुपये की ठगी करने का अपराध दर्ज किया गया था।

जांच में रायपुर पुलिस को केके श्रीवास्तव के द्वारा दिल्ली और मुंबई में जोमैटो और स्विगी कंपनियों में काम करने वाले लड़कों के नाम से फर्जी खाता खुलवा 500 करोड़ रुपये के ट्रांजैक्शन की भी जानकारी मिली थी। मामले में रायपुर पुलिस ने ईडी को और आयकर विभाग को वे पत्र लिखकर पूरे मामले की जानकारी दी थी।

श्रीवास्तव पर आरोप है कि वह नेताओं के पैसों का मैनेज करता था। उसने हवाला के माध्यम से दिल्ली में पैसा भिजवाया है। उसने नेताओं की काली कमाई को वाइट किया है। ईडी को प्रारंभिक जांच में इसके प्रमाण मिले हैं। 300 करोड़ का ट्रांजेक्शन मिला है। उसके पास 400 करोड़ से ज्यादा की कैश होने की भी सूचना है, जिसे उसने कहीं छिपा दिया है।

पुलिस ने भगोड़ा किया है घोषित
केके श्रीवास्तव की तेलीबांधा थाने में दर्ज अग्रिम जमानत याचिका भी हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी। रायपुर पुलिस ने केके श्रीवास्त को भगोड़ा घोषित किया है। वह बेटे के साथ लगातार फरार चल रहा है। पुलिस ने उसके कई ठिकानों पर दबिश दी है। अब तक कोई सुराग नहीं मिला है।

जानिए क्या है मामला
दिल्ली के रावत एसोसिएट के डायरेक्टर अर्जुन रावत को स्मार्ट सिटी लिमिटेड रायपुर में 500 करोड रुपये का ठेका दिलवाने के नाम से विभिन्न बैंक अकाउंट में केके श्रीवास्तव ने 15 करोड रुपये लिए थे। रावत एसोसिएट्स कंपनी हाईवे कंस्ट्रक्शन सरकारी ठेके बिल्डिंग निर्माण और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का काम करती है। उनकी मुलाकात कृष्ण कुमार श्रीवास्तव से 2023 में आध्यात्मिक गुरु आचार्य प्रमोद कृष्णन के माध्यम से हुई थी।

राखड और फ्लाई एश का काम करने वाले केके श्रीवास्तव ब्लैक स्मिथ कंपनी चलाते है। उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का करीबी बता ठेका दिलाने के नाम पर 15 करोड़ लिया और काम नहीं दिलाया। श्रीवास्तव ने उन्हें रायपुर बुला प्रदेश के सबसे बड़े नेता से मिलवाया था।

जिस पर प्रदेश के सबसे बड़े नेता ने भी उन्हें आश्वासन देते हुए कहा था कि केके भरोसे के आदमी है, आपका काम हो जाएगा। काम नहीं होने पर तीन-तीन करोड़ के चेक के माध्यम से रकम वापसी के लिए चेक दिया गया। सभी चेक बाउंस हो गए। जिस पर प्रार्थी ने केके श्रीवास्तव और उनके बेटे कंचन श्रीवास्तव के खिलाफ अपराध दर्ज करवाया।

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