आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा की बढ़ी मुसीबत: दर्ज हुई एक और FIR, पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा का भी नाम शामिल

रायपुर । छत्तीसगढ़ के आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो यानी EOW ने राज्य के पूर्व प्रमुख सचिव डॉक्टर आलोक शुक्ला, पूर्व संयुक्त सचिव अनिल टुटेजा और हाईकोर्ट के तत्कालीन महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज किया है।

इन सब के ख़िलाफ़ दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि 2015 में ईओडबल्यू में दर्ज़ नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले से संबंधित मामले और इसी आधार पर ईडी द्वारा 2019 में दर्ज़ मामले को ये सभी लोग, बाधित करने का प्रयास कर रहे थे।

एफआईआर में कहा गया है-“अनिल टुटेजा एवं डॉक्टर आलोक शुक्ला छ. ग. शासन में महत्वपूर्ण पदाधिकारी बन गये थे तथा इन अधिकारियों का वर्ष 2019 से लगातार सरकार के संचालन नीति निर्धारण एवं अन्य कार्यों में काफी हस्तक्षेप था। यह सरकार के सबसे शक्तिशाली अधिकारी थे तथा सभी महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थापना और स्थानांतरण में इनका हस्तक्षेप था। एक तरह से कहा जाए कि छत्तीसगढ़ सरकार की सारी ब्यूरोक्रेसी इनके नियंत्रण में थी तो यह कहना अतिश्योक्ति नहीं था। वांछित अधिकारियों को वांछित पदस्थापना भी इनके नियंत्रण में थी। इस कारण राज्य सरकार के महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थ अधिकारियों पर इनका नियंत्रण था।”

एफआईआर में कहा गया है कि इन सभी ने आपराधिक षडयंत्र करते हुए राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में पदस्थ उच्चाधिकारियों के प्रक्रियात्मक एवं विभागीय कार्यों से संबंधित दस्तावेज़ एवं जानकारी में बदलाव करवाते हुए, अपने विरुद्ध दर्ज नागरिक आपूर्ति निगम के मामले में अपने पक्ष में हाईकोर्ट में प्रस्तुत करने के लिए जवाबदावा बनवाए गए, जिससे उन्हें अग्रिम जमानत का लाभ मिल सके।

एफआईआर में कहा गया है कि इन लोगों द्वारा गवाहों को अपना बयान बदलने के लिए भी दबाव बनाया गया। राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में पदस्थ उच्चाधिकारियों से मिल कर नान घोटाले से संबंधित दस्तावेज़, वाट्सऐप चैट्स के माध्यम से प्राप्त करते हुए, अभियोजन साक्ष्य को प्रभावित किया गया।

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