अग्निपथ योजना में होंगे बड़े बदलाव, सैनिकों को मिल सकती है स्थायी नियुक्ति

नई दिल्ली। भारतीय सेना में भर्ती और सेवा के लिए लाई गई अग्निपथ योजना शुरू से ही विवादों में है। लोकसभा चुनाव में भी इसका मुद्दा खासा उठा था और विपक्षी पार्टियों ने इस योजना को बंद करने का वादा किया था।अब खबर है कि भारतीय सेना ने अग्निपथ योजना को लेकर एक आंतरिक सर्वे किया है। इसमें कई अहम बिंदू सामने आए हैं, जिनकी समीक्षा के बाद योजना में कुछ बड़े बदलाव किए जा सकते हैं।

फिलहाल अग्निपथ योजना में 4 साल की सेवा के बाद केवल 25 प्रतिशत सैनिकों को ही स्थायी नियुक्ति दी जाती है। अब इस कोटे को बढ़ाने की चर्चाएं हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, सेना 60 से 70 प्रतिशत अग्निवीर को स्थायी नियुक्ति देने पर विचार कर रही है।विशेष और तकनीकी बलों के लिए ये सीमा 75 प्रतिशत तक हो सकती है। दूसरी सेवाओं में भी कम से कम 50 प्रतिशत सैनिकों को स्थायी करने की तैयारी चल रही है।

अग्निपथ योजना में सैनिकों को 4 साल के लिए भर्ती किया जाता है। इसके बाद केवल 25 प्रतिशत सैनिकों को स्थायी नियुक्ति मिलती है।अब सैनिकों की सेवा अवधि को 4 साल से बढ़ाकर 7-8 साल करने पर विचार किया जा रहा है। 4 साल की सेवा अवधि में सैनिकों की ट्रेनिंग मात्र 9 महीनों की होती है।सेवा अवधि बढ़ाने से सैनिकों को ग्रेच्युटी और पूर्व सैनिक जैसे लाभ मिल पाएंगे।

अग्निपथ योजना से पहले सेना में सैनिकों के लिए प्रशिक्षण अवधि 37 से 42 सप्ताह के बीच थी। योजना में इसे घटाकर 24 हफ्ते कर दिया गया था। अब इसे फिर बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।सेना के सर्वे के निष्कर्षों के मुताबिक, प्रशिक्षण अवधि को घटाने से अग्निवीरों के समग्र प्रशिक्षण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।इसके अलावा तकनीकी क्षेत्रों में भी ग्रेजुएट कर्मियों को भर्ती किए जाने पर विचार हो रहा है।

सेना तकनीकी क्षेत्रों में भर्ती की आयु सीमा बढ़ा सकती है। अभी 17 से 21.5 वर्ष की आयु के बीच अग्निवीरों को रखा जाता है। सेना सिग्नल, एयर डिफेंस और इंजीनियर जैसे तकनीकी क्षेत्रों में भर्ती के लिए उम्र सीमा बढ़ाकर 23 साल करने का प्रस्ताव कर रही है।इसके अलावा प्रशिक्षण के दौरान विकलांग हो गए सैनिकों के लिए सहायता और सेवा समाप्त होने के बाद नौकरी ढूंढऩे के तरीकों पर भी चर्चा हो रही है।

अग्निपथ योजना तीनों सेनाओं, थल सेना, भारतीय वायुसेना और नौसेना के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती प्रक्रिया है। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को ‘अग्निवीर’ कहा जाता है और उन्हें 4 साल के लिए सेना में सेवा का अवसर मिलता है।इसके बाद योग्यता, इच्छा और मेडिकल फिटनेस के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेवा में बरकरार रखा जाता है।लागू होने के समय युवाओं ने इस योजना का खासा विरोध किया था।

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