राहुल-प्रियंका की बिहार रणनीति: कमजोर इलाके जीतने का नया प्लान क्या है?

पटना 
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की तारीख नजदीक आते ही कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी अब खुद मोर्चा संभालेंगे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेता मिलकर राज्य के अलग-अलग इलाकों में 15 रैलियां करेंगे। इन रैलियों के जरिए कांग्रेस मतदाताओं के दिल तक पहुंचने की कोशिश करेगी और महागठबंधन के पक्ष में हवा बनाने का प्रयास करेगी। साथ ही कमजोर इलाकों में पार्टी के प्रति माहौल बनाने की कोशिश भी करेंगे।

राहुल गांधी ने बुधवार को मुजफ्फरपुर और दरभंगा से अपने चुनाव अभियान की शुरुआत की। मंच पर उनके साथ तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे। दोनों नेताओं ने एनडीए सरकार पर तीखे हमले किए और जनता से भ्रष्ट और सांप्रदायिक ताकतों को उखाड़ फेंकने की अपील की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया पर लिखा, “सकरा और दरभंगा की रैलियों ने चुनावी माहौल गरमा दिया है, जनता बदलाव चाहती है।”

प्रियंका गांधी करेंगी जनसंवाद की शुरुआत
प्रियंका गांधी फिलहाल वायनाड में हैं लेकिन इस हफ्ते के अंत तक बिहार पहुंचेंगी। उनके लिए भी कई बड़ी सभाएं तय की गई हैं। बताया जा रहा है कि वो महिला मतदाताओं और युवाओं पर खास ध्यान देंगी। कांग्रेस चाहती है कि प्रियंका की रैलियों से चुनावी अभियान में नई ऊर्जा आए और महिलाओं के मुद्दे चर्चा में लौटें।

खड़गे और बड़े नेता भी होंगे सक्रिय
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे हाल ही में मेडिकल प्रक्रिया से गुजरे हैं, लेकिन वो भी बिहार में तीन रैलियों और कुछ प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। पार्टी के अन्य बड़े चेहरे जैसे सोनिया गांधी, अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, सचिन पायलट और पप्पू यादव भी प्रचार में शामिल होंगे। गौरतलब है कि बिहार में 6 और 11 नवंबर को वोटिंग होगी, जबकि नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री पद के चेहरे हैं। कांग्रेस को उम्मीद है कि गांधी परिवार की सक्रियता से मतदाताओं के बीच पार्टी की पकड़ मजबूत होगी और गठबंधन को बढ़त मिलेगी।

 

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