 सभ्य समाज की पहचान: जहाँ वरिष्ठों को पद नहीं, प्रतिष्ठा मिलती है  सम्मान की राजनीति: जब पद नहीं, बर्ताव बोलता है,

सभ्यता का दर्पण: जब सम्मान से बड़ा बन जाता है पद

लेख:

वह तस्वीर देखकर मन भारी हो गया।
छत्तीसगढ़ की राजनीति के वरिष्ठतम और आदिवासी समाज के गौरव नेता ननकीराम कंवर जी, जिनकी उम्र 84 वर्ष है, सात बार विधायक, मंत्री, और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेताओं के साथ केंद्र और राज्य में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन कर चुके हैं — उन्हें छत्तीसगढ़ के राजभवन में खड़ा देखना, जबकि कक्ष में राज्यपाल और कलेक्टर जैसे पदाधिकारी आराम से बैठे हों — यह दृश्य केवल एक तस्वीर नहीं है, यह आज की राजनीतिक संस्कृति की सोच और सभ्यता का प्रतिबिंब है।

ननकीराम कंवर किसी एक पार्टी के नेता मात्र नहीं हैं। वे इस राज्य की राजनीतिक विरासत के जीवित प्रतीक हैं। लेकिन विडंबना देखिए कि उन्हें पहचानने और उचित सम्मान देने में जिनसे उम्मीद थी, उन्होंने भी मौन साध रखा।

यह केवल व्यक्तिगत अपमान नहीं, सामाजिक चेतना की परीक्षा है।

समाज की शिक्षा और संस्कृति इस बात से नहीं मापी जाती कि कौन किस पद पर है, बल्कि इस बात से कि हम अपने वरिष्ठों, अपने पूर्वजों और उन लोगों का कैसे सम्मान करते हैं, जिन्होंने रास्ता बनाकर हमें यह स्थिति दी है।

क्या यह सचमुच स्वीकार्य है कि राज्य का कलेक्टर – जो संविधान के अनुसार “जनसेवक” है – वह अपने ही राज्य के सबसे वरिष्ठ आदिवासी जनप्रतिनिधि को बिना अभिवादन के खड़ा रहने दे? और यह भी कि महामहिम राज्यपाल – जो संविधान का प्रतिनिधित्व करते हैं – उन्हें पहचानने में चूक जाएं?

हो सकता है राज्यपाल जी ने व्यक्तिगत रूप से ननकीराम कंवर को न पहचाना हो, पर क्या उनका स्टाफ भी इस योग्य नहीं कि उन्हें इस मुलाकात से पूर्व एक पंक्ति में जानकारी दे देता?

यह वही “नई भाजपा” है जहां आडवाणी जैसे पितामह तुल्य नेता भी हाशिए पर डाल दिए जाते हैं, और जिन्हें सत्ता की सीढ़ियां चढ़ाने वालों को ही नीचे उतरने का इशारा मिलता है।

सभ्यता और शिक्षा केवल डिग्रियों से नहीं आती, दृष्टिकोण से आती है।

यही बात एक कथा में सिकंदर के प्रसंग से समझ में आती है।
जब सिकंदर मृत्युशैया पर था, उसने आदेश दिया कि उसकी अर्थी ऐसे निकाली जाए कि उसके दोनों हाथ अर्थी के बाहर हों। लोगों ने पूछा – ऐसा क्यों?

उसने कहा: “ताकि दुनिया देख ले कि मैं भी खाली हाथ ही जा रहा हूँ।”

यह वही सिकंदर है, जिसने दुनिया जीतने का सपना देखा। डायोजनीज नामक एक फकीर ने जब उससे पूछा – “अगर तू पूरी दुनिया जीत लेगा तो फिर क्या करेगा?”
तो सिकंदर की आँखों में उदासी उतर आई थी। उसने कहा – “यही सोचकर तो डरता हूँ कि फिर क्या करूँगा?”

यह जीवन, यह सत्ता, यह पद… यह सब अस्थायी है।

आप कितना भी ऊपर चले जाएं, अगर आपने अपने भीतर की मानवता खो दी, तो सब व्यर्थ है।
सत्ता सम्मान अर्जित करने का माध्यम नहीं होती, वह सेवा करने का दायित्व होती है।
और सेवा वहीं संभव है, जहाँ संवेदनशीलता जीवित हो।

ननकीराम कंवर जैसे नेता किसी पद की भूख में नहीं हैं, पर वे उन लाखों आदिवासी, ग्रामीण और पिछड़े समुदायों की पहचान हैं जो छत्तीसगढ़ की आत्मा में बसते हैं। उन्हें अपमानित करना केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि उस पूरी परंपरा का अपमान है जिसने इस राज्य को गढ़ा है।

शिक्षा यह नहीं सिखाती कि कैसे कुर्सी पर बैठा जाए।

शिक्षा यह सिखाती है कि कौन-सी कुर्सी पर किसे बैठाना चाहिए।
और जब समाज यह भूलने लगता है, तो फिर वह शिक्षा नहीं, केवल डिग्रियों का ढेर रह जाती है।

निष्कर्ष:
आज जरूरत है संवेदनशील राजनीति, सम्मानजनक प्रशासन और सद्भावना से भरे समाज की।
जहाँ ननकीराम कंवर खड़े न हों, उन्हें बैठाया जाए।
जहाँ वृद्ध केवल दर्शक न बनें, बल्कि मार्गदर्शक समझे जाएं।
और जहाँ सिकंदर की तरह खाली हाथ नहीं, बुद्ध की तरह भरे हृदय के साथ लोग विदा हों।

 सम्मान ही असली पहचान है…

84 वर्षीय वरिष्ठ जनप्रतिनिधि श्री ननकीराम कंवर की हालिया तस्वीर ने समाज के हर वर्ग को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
राज्यपाल और अधिकारियों के बीच उनका खड़े रहना सिर्फ एक क्षण भर नहीं, यह आज की प्रशासनिक और सामाजिक संवेदनशीलता का दर्पण है।

कंवर जी किसी दल विशेष के नेता भर नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की राजनीतिक विरासत के प्रतिनिधि हैं।
ऐसे वरिष्ठों को पहचानना और सम्मान देना हमारी राजनीतिक परिपक्वता और सामाजिक शिक्षा का हिस्सा होना चाहिए।

यह मुद्दा किसी दल, विचारधारा या व्यक्ति के खिलाफ नहीं — यह उस मूल भावना की याद है कि सभ्यता, संवेदना और सम्मान किसी भी व्यवस्था की बुनियाद होते हैं।

पद से नहीं, व्यवहार से संस्कृति बनती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Post

Live Cricket Update

You May Like This

error: Content is protected !!

4th piller को सपोर्ट करने के लिए आप Gpay - 7587428786