बिलासपुर: कलेक्टर संजय अग्रवाल ने जिले में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से सभी बीईओ, एबीईओ, प्राचार्य, विकासखंड स्रोत समन्वयक एवं संकुल शैक्षिक समन्वयकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक ली। बैठक में बोर्ड परीक्षा, शिक्षकों की उपस्थिति, नवाचार और सामुदायिक सहभागिता जैसे मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई।
उत्कृष्ट स्कूलों को मिलेगा आर्थिक प्रोत्साहन
कलेक्टर ने घोषणा की कि 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में 100% परिणाम देने वाले स्कूलों को 2 लाख रुपए तथा 95% से अधिक परिणाम देने वाले स्कूलों को 1 लाख रुपए की राशि जिला खनिज न्यास निधि से दी जाएगी। इन स्कूलों के शिक्षकों को जिला स्तर पर सम्मानित भी किया जाएगा।
शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य, लापरवाही पर कार्रवाई
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि युक्तियुक्तकरण के बाद पदस्थ किए गए शिक्षकों को तत्काल कार्यभार ग्रहण कराया जाए। जो शिक्षक ड्यूटी नहीं जॉइन कर रहे हैं, उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए नवाचार पर जोरशिक्षण को रोचक और प्रभावी बनाने के लिए स्मार्ट क्लास, ICT, यूट्यूब, सहायक शिक्षण सामग्री, समूह व प्रायोगिक शिक्षण को अपनाने के निर्देश दिए गए। साथ ही बच्चों को समय प्रबंधन, नैतिक शिक्षा और स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन से प्रेरणा लेने की दिशा में शिक्षकों को मार्गदर्शन देने को कहा गया।
इको क्लब और हेल्पिंग हैंड्स की पहल
कलेक्टर ने सभी स्कूलों में इको क्लब के गठन और रेडक्रॉस व एनएसएस यूनिट्स को सक्रिय करने के निर्देश दिए, जिससे बच्चों में पर्यावरण जागरूकता और सामाजिक जिम्मेदारी का विकास हो।
मध्यान्ह भोजन में शामिल हों पौष्टिक आहार
मध्यान्ह भोजन और न्यौता भोज में केला, गुड़, चना और मौसमी फल जैसे पौष्टिक आहार देने के निर्देश दिए गए।
सामुदायिक सहभागिता पर बल
पूर्व छात्रों को सम्मानित कर उन्हें विद्यालय की आवश्यकताओं से जोड़ने और सहयोग लेने की रणनीति पर भी चर्चा हुई।
निरीक्षण और सामग्री साझा करने के निर्देश
शिक्षकों द्वारा तैयार सरल एवं उपयोगी शैक्षणिक सामग्री को वॉट्सऐप ग्रुप के माध्यम से सभी बच्चों तक पहुँचाने को कहा गया। इसके अलावा, नियमित विद्यालय निरीक्षण के लिए अधिकारियों को भी निर्देशित किया गया।