सुकमा। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा से सुकमा में शनिवार को जिला पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) को संयुक्त अभियान में जबरदस्त सफलता मिली जब 1 करोड़ 18 लाख रुपए के इनामी कुख्यात नक्सली लोकेश समेत कुल 23 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया।
इस आत्मसमर्पण की खास बात यह रही कि इनमें वह नक्सली भी शामिल है जो वर्ष 2012 में तत्कालीन सुकमा कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन के अपहरण में शामिल था।
आत्मसमर्पण करने वालों में PLGA बटालियन के 8 हार्डकोर नक्सली, DVCM का 1 सदस्य, PPCM के 6, ACM के 4 और 12 अन्य पार्टी सदस्य शामिल हैं। इनमें 9 महिलाएं और 14 पुरुष हैं, जिनमें 3 नक्सली दंपति भी हैं।
इस सामूहिक आत्मसमर्पण से एक बार फिर साबित हुआ है कि राज्य सरकार की पुनर्वास नीति और सुरक्षा बलों की रणनीति काम कर रही है।
नक्सलियों पर था कुल 1.18 करोड़ का इनाम
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में 11 पर 8-8 लाख, 4 पर 5-5 लाख, 1 पर 3 लाख और 7 नक्सलियों पर 1-1 लाख रुपए का इनाम घोषित था। सबसे बड़ा नाम लोकेश का है, जो 1 करोड़ रुपए के इनामी नक्सलियों में शामिल था।
इस सफलता में जिला पुलिस बल, डीआरजी सुकमा ,वि-आशा यूनिट, रेंज फील्ड टीम जगदलपुर,CRPF की 02, 223, 227, 204 और 165वीं बटालियन तथा कोबरा 208 यूनिट के खुफिया कार्मिकों का अहम योगदान रहा।
सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार द्वारा माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में लगातार सुरक्षा कैंपकी स्थापना और लोगों तक योजनाओं की पहुंच से माओवादी प्रभाव घट रहा है। इसी का परिणाम है कि नक्सली अब धीरे-धीरे मुख्यधारा में लौट रहे हैं।
सरकार की नीति के तहत सभी आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को पुनर्वास और पुनर्निवेश सहायता दी जाएगी। उन्हें स्किल ट्रेनिंग, वित्तीय सहायता, और समाज की मुख्यधारा में लौटने के अवसर प्रदान किए जाएंगे।