महासमुंद के शिक्षा अधिकारी के.के. ठाकुर को वित्तीय गड़बड़ी के आरोप में निलंबित किया गया

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने महासमुंद जिले के पिथौरा विकासखंड के शिक्षा अधिकारी के.के. ठाकुर को वित्तीय अनियमितताओं और कर्तव्यहीनता के आरोप में निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के तहत की गई है।

निलंबन के कारण:
ठाकुर पर शासकीय मिडिल स्कूल भगतदेवरी के फोरलेन सड़क परियोजना के तहत ₹16,61,163 की मुआवजा राशि को बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के दो वर्षों तक अपने पास रखने का आरोप है। इस राशि के दुरुपयोग और उसके प्रबंधन में ढील को गंभीर माना गया है। इसके अतिरिक्त, ठाकुर पर अवकाश स्वीकृत किए बिना अनुपस्थिति के दौरान वेतन आहरण का भी आरोप है, जो छत्तीसगढ़ वित्तीय संहिता और कोषालय संहिता के खिलाफ है। यह छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 का उल्लंघन भी है।

सरकारी आदेश के अनुसार, ठाकुर के कार्यों में अनियमितताएं पाई गईं, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया। उनके मुख्यालय के रूप में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, महासमुंद को निर्धारित किया गया है। निलंबन अवधि के दौरान ठाकुर को जीवन निर्वाह भत्ता प्रदान किया जाएगा।

यह कार्रवाई शासन की पारदर्शिता और सरकारी नियमों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिससे सरकारी कर्मचारियों को जिम्मेदारी से कार्य करने के लिए प्रेरित किया जा सके।

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