गुरु प्रदोष व्रत 10 अप्रैल 2025: जानिए शुभ मुहूर्त, योग और रुद्राभिषेक का महत्व

इस वर्ष अप्रैल माह का पहला प्रदोष व्रत 10 अप्रैल, गुरुवार को मनाया जाएगा। यह व्रत चैत्र शुक्ल त्रयोदशी को पड़ रहा है और गुरुवार के दिन होने के कारण इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाएगा।

  • त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 9 अप्रैल 2025, रात 10:55 बजे

  • त्रयोदशी तिथि समाप्त: 10 अप्रैल 2025, रात 1:00 बजे (11 अप्रैल)


🕕 गुरु प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त

  • प्रदोष पूजा का शुभ समय:
    🕕 शाम 6:44 बजे से रात 8:59 बजे तक
    (सवा दो घंटे का श्रेष्ठ समय)

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:31 बजे से 5:16 बजे तक

  • अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:57 बजे से 12:48 बजे तक


✨ इस दिन बन रहे हैं 3 शुभ योग

गुरु प्रदोष व्रत 2025 के दिन तीन विशेष शुभ योगों का संयोग बन रहा है:

  1. रवि योग – 10 अप्रैल, दोपहर 12:24 बजे से 11 अप्रैल सुबह 6:00 बजे तक

  2. वृद्धि योग – सुबह से शाम 6:59 बजे तक

  3. ध्रुव योग – शाम 6:59 बजे के बाद पूरी रात

👉 रवि योग में शुभ कार्य करने से सभी दोष समाप्त होते हैं।
👉 वृद्धि योग में किए गए कार्यों में वृद्धि और सफलता मिलती है।
👉 ध्रुव योग स्थायित्व और शांति प्रदान करता है।


🕉️ प्रदोष व्रत पर रुद्राभिषेक का समय और महत्व

  • इस दिन शिववास नंदी पर है, जो रुद्राभिषेक के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।

  • रात 1 बजे के बाद शिववास भोजन में चला जाएगा, इसलिए रुद्राभिषेक दिन में करना अधिक श्रेष्ठ रहेगा।

  • श्रद्धालु अपनी सुविधा के अनुसार प्रदोष काल (शाम) या ब्रह्म मुहूर्त में रुद्राभिषेक कर सकते हैं।

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