सुकमा। छत्तीसगढ़ के वन विभाग में भ्रष्टाचार के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। पूर्व DFO अशोक पटेल, जो पहले भी कई वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों से घिरे रहे हैं, अब डीजल घोटाले में फंसते नजर आ रहे हैं।

सालों से बंद गाड़ी, फिर भी लाखों का डीजल खर्च!
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुकमा वन मंडल के अंतर्गत सरकारी वाहन (नंबर CG 02 6089) सालों से खराब हालत में खड़ी है और इसे कंडम (निष्प्रयोज्य) घोषित किया जा चुका है। बावजूद इसके, अशोक पटेल के सुकमा DFO के कार्यकाल में इस गाड़ी के लिए डीजल और चालक के नाम पर लाखों रुपये का भुगतान निकाला गया।

मुख्य बिंदु:
✔ कंडम वाहन CG 02 6089 वर्षों से नहीं चला, फिर भी डीजल का भुगतान जारी रहा।
✔ वाहन चालक के नाम पर वेतन और अन्य भत्ते भी जारी किए गए, जबकि गाड़ी चलने की स्थिति में ही नहीं थी।
✔ डीजल आपूर्ति के बिलों में हेरफेर कर लाखों रुपये का घोटाला किया गया।
✔ वाहन खराब होने के बावजूद, सरकारी कागजों में इसे नियमित रूप से दौड़ता हुआ दिखाया गया।
विभागीय मिलीभगत की आशंका
सूत्रों का कहना है कि इस घोटाले में सिर्फ अशोक पटेल ही नहीं, बल्कि वन विभाग के कुछ अन्य कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं। बिना कर्मचारी की सहमति के किसी निष्प्रयोज्य गाड़ी का डीजल भुगतान संभव नहीं।
अशोक पटेल पर लगातार बढ़ रहे हैं घोटालों के आरोप

यह पहला मामला नहीं है जब अशोक पटेल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हों। इससे पहले बीजापुर में गोदाम निर्माण घोटाला और सुकमा में तेंदूपत्ता बोनस घोटाले एवं बीजापुर में कैम्पा के नालो का निर्माण किए बिना करोड़ों निकाल लिए जाने का मामला हैं, तथा सुकमा में भ्रष्टाचार के उद्देश्य से एकाउन्ट भुगतान से बचने समिति के खाते से नगद भुगतान कि अनुमति देकर लाखों का व्यारान्यारा किए जाने में भी उनका नाम सामने आ चुका है। उनके निलंबन के बाद लगातार नए घोटाले उजागर हो रहे हैं।
जांच की मांग
इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच आवश्यक है। संबंधित अधिकारियों से अपील है कि –
✔ डीजल भुगतान और वाहन चालक के वेतन संबंधी सभी दस्तावेजों की जांच हो।
✔ घोटाले में संलिप्त अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच हो।
✔ यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
क्या और घोटाले सामने आएंगे ? कब होगा घोटाला बंद ?
पूर्व DFO अशोक पटेल के कार्यकाल से जुड़े और भी घोटाले उजागर होने की संभावना है। अब सवाल यह है कि वन विभाग और राज्य सरकार इस मामले में क्या कदम उठाएगी?
(रिपोर्ट: 4thPillar News)