रायगढ़: जिले के जुटमिल थाना क्षेत्र में बीती शाम लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को कुचलने की शर्मनाक घटना सामने आई। भाजपा नेता रविंद्र भाटिया के बेटे तरनजीत भाटिया और उसके साथियों ने खबर कवर कर रहे पत्रकारों पर थाने के सामने ही सरेआम हमला किया। न केवल गाली-गलौज की गई, बल्कि पत्रकारों के साथ धक्का-मुक्की और मारपीट भी की गई।
हैरानी की बात यह है कि यह पूरा घटनाक्रम थाने के ठीक सामने हुआ, लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी रही। स्थानीय लोगों के हस्तक्षेप के बावजूद हमलावर बेखौफ नजर आए।
कवरेज के दौरान मिली धमकी: “साइड हट ले, नहीं तो गिरा दूंगा”
पत्रकार राजा खान, दीपक शोमवानी, और मनीष सिंह जब एक घटना की रिपोर्टिंग कर रहे थे, तभी तरनजीत भाटिया, अंशु राजपूत, अंकुर ठाकुर और उनके 4-5 साथियों ने उन्हें धमकाते हुए कहा, “साइड हट ले, नहीं तो एक फटके में गिरा दूंगा।”
इस बयान से साफ है कि सत्ता का नशा अपराधियों के सिर चढ़कर बोल रहा है।
आदतन अपराधी फिर भी खुलेआम गुंडई
स्थानीय लोगों के मुताबिक तरनजीत भाटिया और उसके साथी पहले भी अपराधों में संलिप्त रहे हैं। बावजूद इसके पुलिस प्रशासन उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई करने से बचता रहा है।
घटना का वीडियो सबूत भी मौजूद है, लेकिन प्रशासन अब तक कार्रवाई करने में नाकाम रहा है।
पत्रकारों में भय, लोकतंत्र पर सवाल
इस हमले ने पत्रकारों के मन में भय का माहौल पैदा कर दिया है। उनका कहना है कि अगर थाने के सामने इस तरह की घटनाएं हो सकती हैं, तो आम जनता की सुरक्षा की क्या गारंटी है?
क्या प्रशासन उठाएगा सख्त कदम?
इस हमले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या अब पत्रकारों को भी रिपोर्टिंग करने के लिए माफियाओं से इजाजत लेनी होगी?
अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई करता है या फिर यह घटना भी सत्ता समर्थित गुंडागर्दी का एक और उदाहरण बनकर रह जाएगी।