यूपी में CM योगी की हार से चमक जाती इस BJP नेता की किस्मत!

Uttar Pradesh By-Elections: उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी और उसकी सहयोगी RLD ने मिलाकर कुल 7 सीटों पर कब्जा जमाया जबकि सपा सिर्फ 2 सीटें जीत सकी. यूपी की नौ विधानसभा सीटों मीरापुर, कुंदरकी, गाजियाबाद, खैर, करहल, सीसामऊ, फूलपुर, कटेहरी और मझवां  पर 20 नवंबर को वोट डाले गए थे. 9 में से एक 6 सीट बीजेपी, एक सीट रालोद  और 2 सीटें सपा ने जीती हैं.

लिटमस टेस्ट में पास हुए योगी

उत्तर प्रदेश की नौ सीटों पर हुआ उपचुनाव सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए लिटमस टेस्ट था जिसमें वह पूरी तरह से पास हुए हैं. अगर योगी इस टेस्ट में फेल हो जाते तो उनकी कुर्सी हिल सकती थी और योगी के सिंहासन को हिलाते डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य. दरअसल जब लोकसभा चुनाव में बीजेपी यूपी में बुरी तरह से फेल हुई थी तो बतौर सीएम उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे थे और मौका ताड़ते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने सीएम की कुर्सी पाने के प्रयास भी तेज कर दिए थे.

केशव प्रसाद मौर्य को लगा झटका
बाहरी तौर पर केशव प्रसाद मौर्य भले ही उपचुनावों में बीजेपी की जीत का जश्न मना रहे हैं लेकिन अंदरूनी तौर पर वो इन चुनाव परिणामों से खुश नहीं होंगे. आपको याद होगा कि कुछ महीनों पहले यूपी की राजनीति में जबरदस्त खींचातान देखने को मिली मिली थी और यह खींचातान सीएम योगी और केशव प्रसाद मोर्य के बीच सीएम की कुर्सी को लेकर थी.

योगी को सौंपी गई थी जीत की जिम्मेदारी
कुछ चुनावी पंडितों का मानना है कि यूपी में हुए उपचुनावों की कमान पूरी तरह से योगी आदित्यनाथ संभाल रहे थे. ऐसा इसलिए क्योंकि चुनावों में भाजपा को जिताने की जिम्मेदारी पूरी तरह से उन्हीं के कंधों पर डाली गई थी. इस जिम्मेदारी के साथ उन्हें एक आखिरी मौका दिया गया था. अगर बीजेपी चुनावों में घटिया प्रदर्शन करती तो यह केशव प्रसाद मौर्य के लिए सत्ता पाने का रास्ता खोल सकता था.

शाह के खास हैं मौर्य
बता दें कि केशव प्रसाद मौर्य गृह मंत्री अमित शाह के बेहद खास माने जाते हैं. यूपी की राजनीति में जब कलह चल रही थी उस दौरान केशव प्रसाद ने दिल्ली में गृह मंत्री शाह से कई बार मुलाकात की थी. उस समय कहा जा रहा था कि अब यूपी की सत्ता केशव प्रसाद मौर्य के हाथों में होगी, लेकिन उस समय शायद उपचुनावों को देखते हुए सत्ता का हस्तांतरण रोक दिया गया था और सीएम योगी के कंधों पर उपचुनाव की जिम्मेदारी डाल दी गई थी.

चुनावी पंडितों का अनुमान है कि सीएम योगी को अल्टीमेटम दिया गया था कि अगर उनके नेतृत्व में भाजपा घटिया प्रदर्शन करती है तो उन्हें सत्ता की चाबी केशव को सौंपनी होगी लेकिन उनकी इस जीत ने बता दिया कि यूपी में मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी विश्वसनीयता उत्तर प्रदेश में अभी भी कायम है. इस जीत पर उत्तर प्रदेश में भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ‘अब, वह (योगी) स्वतंत्र रूप से काम करेंगे. अब कम से कम अंदरूनी लोगों की ओर से कोई बाधा नहीं आएगी.’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Post

Live Cricket Update

You May Like This

error: Content is protected !!

4th piller को सपोर्ट करने के लिए आप Gpay - 7587428786