रायपुर। छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक और गारंटी को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 18 वर्षों से अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत मनरेगा कर्मचारियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया पूर्ण होने तक समाजिक और सेवा सुरक्षा की दृष्टि से मानव संसाधन नीति लागू करने 29 अगस्त 2024 को कमेटी का गठन किया गया है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव राजेश सिंह राणा की अध्यक्षता में 8 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जिसमे समिति को 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपनी होगी। जैसे ही यह पत्र जारी हुआ राज्य के 12 हजार से अधिक मनरेगा कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी।
वहीं, छतीसागढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय क्षत्री ने खुशी जाहिर की और कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि, माननीय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सुशासन की पहचान और कार्य करने की गति और उपमुख्यमंत्री व पंचायत मंत्री विजय शर्मा के अद्वितीय संवेदनशील पहल का ही परिणाम है कि, आज हमारी पीड़ाओं को समझते हुए तीव्र गति से कमेटी का गठन करते हुए कमेटी को 15 दिवस के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समय सीमा तय की गई।
साथ ही कमेटी में मनरेगा योजना के जिम्मेदार अधिकारियों के अलावा छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय क्षत्री और प्रदेश महासचिव सुनील मिश्रा दो सदस्यों को भी शामिल किया गया हैं, जो सरकार के संवेदनशीलता और सुशासन को दर्शाता है।