छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव अय्यूब खान ने बताया
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा रायपुर ई डी ED कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन एवं घेराव का कार्यक्रम आयोजित किया गया था इस घेराव कार्यक्रम प्रमुख कारण ये है की हीन्डेनबर्ग रिपोर्ट में महाघोटाले का खुलासा किया गया और SEBI प्रमुख माधबी पुरी बुच के इस्तीफे की मांग को लेकर कांग्रेस ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के कार्यालय का घेराव था।
यह विरोध प्रदर्शन पुजारी पार्क, टिकरापारा, रायपुर में आयोजित हुआ, जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज,पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत,पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा,पूर्व मंत्री प्रेम सिंह टेकाम, पूर्व विधायक अरूण वोरा, पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा,पूर्व विधायक विकास उपाध्याय,कांग्रेस संगठन प्रभारी मलकीत सिंह गेंदु, वरिष्ठ कांग्रेस नेता गिरीश देवागन , प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष आकाश शर्मा, रायपुर,शहर कांग्रेस अध्यक्ष गिरिश दुबे,सहित कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी हिस्सा लिया जिसमें वरिष्ठ नेता, शामिल हुए।
अय्यूब खान ने बताया कि कांग्रेस पार्टी ने हिन्डेनबर्ग रिसर्च की ताजा रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों को लेकर SEBI प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बुच दंपत्ति के पास अडानी समूह से जुड़े अपतटीय इकाइयों में हिस्सेदारी थी, जो कथित वित्तीय अनियमितताओं में लिप्त थी। कांग्रेस ने इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से जांच कराने की मांग की है।
कांग्रेस का इस राष्ट्रव्यापी विरोध के दौरान, कांग्रेस ने SEBI प्रमुख के इस्तीफे के साथ-साथ अडानी समूह के खिलाफ जांच में देरी और उसकी संदिग्ध वित्तीय गतिविधियों को छुपाने के लिए उठाए गए कदमों पर भी सवाल उठाए हैं। कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि 18 महीने बाद भी SEBI ने अडानी समूह के मौरिशस और अन्य अपतटीय शेल इकाइयों के जाल को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई है।
कांग्रेस पार्टी का कहना है कि – इस मामले की सच्चाई केवल JPC की जांच से ही सामने आ सकती है, क्योंकि वर्तमान की भाजपा सरकार ने हिन्डेनबर्ग रिपोर्ट पर चुप्पी साध रखी है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग करके अडानी समूह को लाभ पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।