रायगढ़। जिला अस्पताल सुविधा विहीन होने के साथ-साथ अवैध उगाही के लिए भी जाना जाता है मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पोस्टमार्टम नहीं होने के कारण जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम करने वाले स्वीपर मृतक के परिजनों से दबाव बनाकर 2-2 हजार रुपए की वसूली कर रहे हैं। मर्ग करने आए पुलिसकर्मी भी मरीज के परिजनों को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
किरोड़ीमल शासकीय जिला चिकित्सालय अब पूरी तरह से अव्यवस्थित हो गया है। जिला अस्पताल में पदस्थ सिविल सर्जन को जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी का भी प्रभार संभालना पड़ रहा है। जिस कारण वह जिला अस्पताल की ओर कम ध्यान दे पा रहे हैं। ऐसे में जिला अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा दोनों हाथ से मरीज और उनके परिजनों को लूटने का काम किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला बीते दिनों में आया। जानकारी के अनुसार घरघोड़ा थाना क्षेत्र की रहने वाली बईहामुड़ा निवासी 50 वर्षीय धनमति राठिया की जहर खाने से मंगलवार की रात मौत हो गई थी, उसका बेटा मां की मृत्यु होने के बाद पोस्टमार्टम कराने जिला अस्पताल पहुंचा था। जहां पोस्टमार्टम करने से पहले ही स्वीपर ने उनसे 2 हजार रुपए की मांग की। जब उन्होंने इतना पैसा देने में असमर्थता जताई और कहा कि वह गरीब लोग हैं, इतना पैसा कहां से लाएंगे। जिसके बाद मोलभाव का दौर चला तब स्वीपर ने 1600 रुपए लेकर पोस्टमार्टम कराया और शव को ले जाने की अनुमति दिया। इस दौरान थाना से आए विवेचन ने भी मृतक के परिजनों से कागजी कार्यवाही करने के लिए 500 रुपए ऐंठ लिया।
पीड़ित जयप्रकाश राठिया ने बताया कि उसकी मां की मौत मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई। जिसका पोस्टमार्टम करने के लिए उसे जिला अस्पताल भेजा गया। जिला अस्पताल पहुंचने पर पोस्टमार्टम करने वाले स्वीपर उसके पास पहुंचे और पोस्टमार्टम करके शव को देने के लिए उन्होंने उसे 2 हजार रुपए की मांग की। इस दौरान शव पंचनामा कार्यवाही करने वाले पुलिस कर्मचारियों ने भी कागजी दस्तावेज पूरा करने के लिए उनसे 500 रुपए मांगा। इसके बाद शव का पंचनामा तैयार कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।