मध्यप्रदेश के पटवारी वेतनमान को लेकर लंबे समय से शिवराज सरकार से नाराज चल रहे है। उनका कहना है कि, उनको 1998 को निर्धारित वेतनमान ही 2023 में दिया जा रहा है। बीते 25 सालों से उनके वेतनमान में कोई वृद्धि नहीं की गई। अपनी मांगों को लेकर 19 हजार से अधिक पटवारी 23 सितंबर से 26 सितंबर तक हड़ताल करेंगे। सभी पटवारी 26 सितंबर को भोपाल आएंगे। यहां पर अटल पथ से मुख्यमंत्री निवास तक रैली निकालेंगे।इन मांगो को लेकर हो रहा विरोध
1998 से निर्धारित वेतनमान 2023 में दिया जा रहा है, 25 वर्षों में पटवारियों के वेतनमान में कोई वृद्धि नहीं की गई, जबकि राजस्व विभाग के राजस्व निरीक्षक से लेकर तहसीलदार व अधीक्षक भू-अभिलेख के वेतनमान में कई बार बृद्धि हुई। समयमान वेतनमान ग्रेड के सापेक्ष दिया जा रहा है, जबकि 10 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर दिया जाना चाहिए। मप्र में पटवारी संघ को समयमान वेतनमान पद के सापेक्ष न होकर ग्रेड पे के सापेक्ष दिया जा रहा है। कुछ माह पूर्व तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं राजस्व निरीक्षकों की पदोन्नति की गई, लेकिन प्रशासन की रीड की हड्डी कहे जाने वाले पटवारी पद को भेदभाव तरीके से वंचित रखा। 10 वर्षों से किसी भत्ते में कोई वृद्धि नहीं की।