बिहार के बाद महाराष्ट्र से बीजेपी के लिए बड़ी खुशखबरी, बिना चुनाव लड़े बढ़ी पार्टी की सीटें; विपक्ष हुआ आगबबूला

मुंबई 

बिहार विधानसभा चुनाव में शानदान जीत के बाद अब महाराष्ट्र में बीजेपी को बड़ी खूबखबरी मिल गई है. पार्टी ने 2 दिसंबर को होने वाले नगर परिषद और नगर पंचायत चुनाव से पहले ही बढ़त बना ली है. राज्य के बीजेपी अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण ने बताया कि पार्टी के 100 पार्षद बिना किसी मुकाबले के ही जीत गए हैं. इसके अलावा तीन नगर परिषद अध्यक्ष भी बिना चुनाव के ही चुने गए हैं.

चव्हाण ने इस जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व को दिया है. चव्हाण के अनुसार निर्विरोध जीतने वाले इन 100 पार्षदों में 4 कोंकण क्षेत्र से 49 उत्तर महाराष्ट्र से 41 पश्चिम महाराष्ट्र से 3-3 मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्र से हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि मतदान से पहले ही इतनी सीटें मिलना बीजेपी संगठन की मजबूती को दर्शाता है.

बीजेपी के ही उम्मीदवार कैसे जीत रहे?

हालांकि बीजेपी के इस दावे पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) का कहना है कि निर्विरोध चुनाव पर आपत्ति नहीं है, लेकिन बार-बार केवल बीजेपी के ही उम्मीदवार बिना मुकाबले कैसे जीत रहे हैं? विपक्ष का आरोप है कि पैसे, ताकत और सत्ता का इस्तेमाल कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित किया जा रहा है.

विवाद इसलिए भी बढ़ गया है, क्योंकि कई जगह बीजेपी नेताओं के परिजन भी बिन मुकाबला जीत गए हैं. जामनेर में जलसंपदा मंत्री गिरीश महाजन की पत्नी साधना महाजन नगर परिषद की अध्यक्ष बिना चुनाव के ही चुनी गईं, क्योंकि उनके सामने खड़े सभी उम्मीदवारों ने अंतिम समय पर नाम वापस ले लिया.

कांग्रेस नेता का बड़ा आरोप

धुले जिले में मार्केटिंग मंत्री जयकुमार रावल की मां नयन कुंवर रावल भी विरोधी उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने के बाद अध्यक्ष बन गईं. चिखलदरा में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के चचेरे भाई अल्हद कालोटी भी बिना मुकाबले पार्षद चुन लिए गए. कांग्रेस नेता यशोमती ठाकुर का आरोप है कि अन्य उम्मीदवारों को नाम वापस लेने के लिए धमकाया गया.

इन घटनाओं के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं. बीजेपी इसे अपनी लोकप्रियता और जनता के समर्थन का नतीजा मान रही है, जबकि विपक्ष दावा कर रहा है कि लोकतंत्र को दबाने की कोशिश हो रही है, क्योंकि नामांकन वापस लेने या रद्द होने का फायदा हर बार केवल बीजेपी को ही मिलता है.

राज्य में 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों के लिए मतदान 2 दिसंबर को होगा और मतगणना 3 दिसंबर को की जाएगी. इसके साथ-साथ यह विवाद भी चुनावी माहौल का एक बड़ा मुद्दा बन चुका है.

Recent Post

Live Cricket Update

You May Like This

error: Content is protected !!

4th piller को सपोर्ट करने के लिए आप Gpay - 7587428786