छतरपुर
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से लखनऊ तक बनाए जा रहे इकोनॉमिक कॉरिडोर के तहत फोरलेन सड़क का निर्माण किया जा रहा है। छतरपुर जिले में इस कॉरिडोर के लिए नेशनल हाईवे-34 को फोरलेन में बदला जा रहा है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) जिले की बड़ामलहरा तहसील की सांठिया घाटी से लेकर महाराजपुर तहसील के चौका गांव तक पहले चरण में और दूसरे चरण में चौका गांव से कैमाहा बैरियर तक फोरलेन रोड का निर्माण कर रहा है। छतरपुर जिले में इन दोनों चरणों में मिलाकर कुल मिलाकर 98 किमी. के नेशनल हाईवे 34 के हिस्से को फोरलेन किया जा रहा है जिसमें 2005 करोड़ रूपये लागत आ रही है।
इन 56 गांवों की भूमि का अधिग्रहण
इस परियोजना में छतरपुर जिले की बड़ामलहरा, छतरपुर, बिजावर और नौगांव तहसीलों के अंतर्गत आने वाले कुल 56 गांवों में भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है। इनमें बड़ामलहरा तहसील के भिलवार, गोरा, बमनौराखुर्द, घिनौची, रजपुरा, टौरिया, मौली, मेलवार, किवलाई, अरोल, मवई, रानीखेरा जैसे गांव शामिल हैं। वहीं बिजावर तहसील में निवार, मड़देवरा, दरगुवां, गुलगंज, अनगौर जैसे गांवों से जमीन अधिग्रहण हुआ है। छतरपुर तहसील में पलटा, खैरो, मातगुवां, अतरार, रामगढ़ सहित कई गांव इस सूची में हैं जबकि नौगांव विकासखंड के महाराजपुर तहसील में कुर्राहा, ऊजरा, बेदर और गढ़ीमलहरा जैसे गांवों की भूमि ली जा रही है।
भोपाल-लखनऊ के बीच बन रहा इकोनॉमिक कॉरिडोर
भोपाल-लखनऊ इकोनॉमिक कॉरिडोर की लंबाई 526 किमी. है और इसका निर्माण 11300 करोड़ रूपये की लागत से किया जा रहा है। अलग अलग चरणों में ये इकॉनोमिक कॉरिडोर बन रहा है। पहले चरण में उत्तर प्रदेश के कानपुर से करबई तक 112 किलोमीटर, दूसरे चरण में करबई से सागर तक 223 किलोमीटर और तीसरे चरण में मध्यप्रदेश के सागर से राजधानी भोपाल तक 150 किलोमीटर का रोड बन रहा है। भोपाल से लखनऊ इकोनॉमिक कॉरिडोर के एमपी के हिस्से में नया प्रयोग भी किया जा सकता है। यहां एरियल डिस्टेंस के आधार पर रोड बनाई जा सकती है जिससे मोड़ यानि घुमावदार रास्ते कम हो जाएंगे और सफर आसान हो जाएगा।









