रोहतक
हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं को झटका लगा है। अब बिजली उपभोक्ताओं के एक वर्ग को अधिक भुगतान करना होगा, क्योंकि बिजली विभाग ने बिजली वितरण कंपनियों के अलावा बिजली उत्पादकों या व्यापारियों से सीधे बिजली आपूर्ति प्राप्त करने वाले थोक उपभोक्ताओं पर एडिशनल सरचार्ज लगा दिया है।
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) के चीफ इंजीनियर (कॉमर्शियल) द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि निगम ने हरियाणा विद्युत नियामक आयोग (HERC) के नियमों के अनुसार ओपन एक्सेस सिस्टम के तहत बिजली का लाभ उठाने वाले उपभोक्ताओं से 1.21 रुपए प्रति किलोवाट घंटा (KWH) का एडिशनल सरचार्ज वसूलने का निर्णय लिया है।
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह अधिभार सभी बिजली उपभोक्ताओं पर लागू नहीं होगा और यह केवल उन थोक उपभोक्ताओं पर लागू होगा जो डिस्कॉम के अलावा अन्य स्रोतों से बिजली खरीदते हैं। उन्होंने बताया कि ये थोक उपभोक्ता अपने खुदरा बिजली उपभोक्ताओं पर अधिभार का बोझ डाल सकते हैं।
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) के चीफ इंजीनियर (कॉमर्शियल) द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि निगम ने हरियाणा विद्युत नियामक आयोग (HERC) के नियमों के अनुसार ओपन एक्सेस सिस्टम के तहत बिजली का लाभ उठाने वाले उपभोक्ताओं से 1.21 रुपए प्रति किलोवाट घंटा (KWH) का एडिशनल सरचार्ज वसूलने का निर्णय लिया है।
6 अगस्त से लागू होगा ये फैसला
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के चीफ इंजीनियर के द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि संशोधित अधिभार 6 अगस्त, 2025 से लागू होगा, जिस दिन एचईआरसी ने आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया है कि नया अधिभार तब तक जारी रहेगा जब तक राज्य सरकार द्वारा इसे संशोधित नहीं किया जाता। हालांकि सरकार की ओर से इसको लेकर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
सभी बिजली उपभोक्ताओं पर लागू नहीं होगा
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह अधिभार सभी बिजली उपभोक्ताओं पर लागू नहीं होगा, और यह केवल उन थोक उपभोक्ताओं पर लागू होगा जो डिस्कॉम के अलावा अन्य स्रोतों से बिजली खरीदते हैं। उन्होंने बताया कि ये थोक उपभोक्ता अपने खुदरा बिजली उपभोक्ताओं पर अधिभार का बोझ डाल सकते हैं।
ओपन एक्सेस सिस्टम का लेते हैं लाभ
ओपन एक्सेस सिस्टम पात्र उपभोक्ताओं को, आम तौर पर 1 मेगावाट (MW) या उससे अधिक भार वाले उपभोक्ताओं को, अपनी स्थानीय वितरण कंपनी तक सीमित रहने के बजाय सीधे जनरेटर या व्यापारियों से बिजली खरीदने की अनुमति देती है।
अधिकारियों ने बताया कि यह प्रणाली उपभोक्ताओं को अपना बिजली आपूर्तिकर्ता चुनने में सक्षम बनाकर प्रतिस्पर्धा और लचीलेपन को बढ़ावा देती है, जिससे लागत कम करने या नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिल सकती है।
ओपन एक्सेस सिस्टम क्या है?
ओपन एक्सेस सिस्टम, पात्र उपभोक्ताओं, विशेष रूप से मिनिमम 1 मेगावाट (MW) भार वाले उपभोक्ताओं को, अपनी स्थानीय वितरण कंपनी तक सीमित रहने के बजाय सीधे बिजली उत्पादकों या व्यापारियों से बिजली खरीदने की अनुमति देती है। यह प्रणाली उपभोक्ताओं को अपना बिजली आपूर्तिकर्ता चुनने में सक्षम बनाकर प्रतिस्पर्धा और लचीलेपन को बढ़ावा देती है, जिससे लागत कम करने या नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
इस सिस्टम में विद्युत अधिनियम, 2003 के तहत द्विपक्षीय समझौतों के माध्यम से तीसरे पक्ष से खरीदी गई बिजली को ट्रांसमिटेड करने के लिए मौजूदा ट्रांसमिशन और सप्लाई नेटवर्क का उपयोग करना शामिल है, जिसमें उपभोक्ता पावर ग्रिड का उपयोग करने के लिए लागू शुल्क का भुगतान करते हैं।









