अब आसान हुआ वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाना! चुनाव आयोग ने नए दस्तावेज को दी हरी झंडी

कोलकाता
चुनाव आयोग ने बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया से तैयार होने वाली नई मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए एक और दस्तावेज को मान्यता प्रदान की है। आयोग की ओर से जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है कि यदि किसी व्यक्ति का नाम बंगाल में गत एसआइआर (2002) से तैयार मतदाता सूची में शामिल नहीं है, लेकिन उसके माता-पिता अथवा किसी निकट संबंधी का नाम बिहार में इसी साल हुए एसआइआर से तैयार मतदाता सूची में शामिल है तो उसे वैध दस्तावेज के तौर पर स्वीकार किया जाएगा। बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी के कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि किसी भी वैध मतदाता का नाम सूची से कटने न पाए, इसलिए यह पहल की गई है।

बिहार वोटर लिस्ट अब बंगाल में मान्य
मालूम हो कि चुनाव आयोग ने SIR के तहत भारतीय नागरिकता के सत्यापन के लिए जो दस्तावेज निर्धारित किए हैं, उनमें केंद्र अथवा राज्य सरकार के कर्मचारी के तौर पर कार्यरत अथवा सेवानिवृत्ति के बाद पेंशनभोगी होने पर इससे संबंधित परिचय पत्र, एक जुलाई, 1987 से पहले बैंक, डाकघर, एलआइसी अथवा स्थानीय प्रशासन की ओर से दिया गया कोई दस्तावेज शामिल है।
 
इन दस्तावेजों को किया गया शामिल 
इसके अलावा जन्म प्रमाणपत्र, पासपोर्ट, बंगाल शिक्षा बोर्ड की दसवीं (माध्यमिक) अथवा उससे उच्च शिक्षा संबंधी प्रमाणपत्र, राज्य सरकार के उपयुक्त प्राधिकरण की ओर से दिया गया निवास स्थल का प्रमाणपत्र, फारेस्ट राइट सर्टिफिकेट, जाति प्रमाणपत्र, किसी भी नागरिक की राष्ट्रीय पंजी, स्थानीय प्रशासन की ओर से दी गई पारिवारिक पंजी व जमीन अथवा घर के कागजात को भी शामिल किया गया है। वहीं आधार को सिर्फ पहचान के प्रमाण के तौर पर स्वीकार किया जाएगा।

मतदाता सूची में आसानी
अधिकारी ने बताया कि जिन लोगों के नाम 2002 की मतदाता सूची होंगे, उन्हें इनमें से कोई दस्तावेज जमा करना नहीं पड़ेगा। जिनके नाम नहीं होंगे, वे 2002 की बंगाल की मतदाता सूची के साथ अब 2025 की बिहार की मतदाता सूची में अपने माता-पिता अथवा निकट संबंधी का नाम शामिल होने को प्रमाणित करके अपना नाम नई मतदाता सूची में शामिल करवा पाएंगे।

 

Recent Post

Live Cricket Update

You May Like This

error: Content is protected !!

4th piller को सपोर्ट करने के लिए आप Gpay - 7587428786