आपातकालीन सेवाओं की त्वरित उपलब्धता सेवा का मूल : उप मुख्यमंत्री शुक्ल

भोपाल

उप मुख्यमंत्री  राजेन्द्र शुक्ल ने मंत्रालय में लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के विभिन्न विषयों की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य जनसामान्य को सुगम, गुणवत्तापूर्ण और समय पर स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराना है। इस दिशा में विभागीय कार्यों की नियमित समीक्षा आवश्यक है ताकि स्वास्थ्य अधोसंरचनाओं का समयबद्ध सुदृढ़ीकरण और सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। बैठक में प्रभारी आयुक्त लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा  विशेष गढ़पाले तथा संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. अरुणा कुमार उपस्थित रहे।

उप मुख्यमंत्री  शुक्ल ने कहा कि एयर एम्बुलेंस सेवा आपातकालीन स्थितियों में त्वरित एवं उत्कृष्ट चिकित्सकीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई है। अतः इसके संचालन में समय का विशेष ध्यान रखा जाए तथा इमरजेंसी प्रकरणों में तत्काल निर्णय लेकर मरीजों को शीघ्रतम राहत दी जाए। उन्होंने कहा कि यह सेवा केवल परिवहन का माध्यम नहीं बल्कि जीवनरक्षक प्रणाली का अभिन्न अंग है, इसलिए इसके संचालन में समन्वय और समयबद्धता सर्वोच्च प्राथमिकता में रहे।

उप मुख्यमंत्री  शुक्ल ने ओ.पी.डी. सेवाओं के समय को जनसुविधा के दृष्टिकोण से और प्रभावी बनाने के लिए इसे प्रातः 9 बजे से अपराह्न 4 बजे तक संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे मरीजों को बेहतर और विस्तारित समयावधि में चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने मेडिकल रिकूटमेंट प्रक्रिया को विभाग की शीर्ष प्राथमिकताओं में रखते हुए निर्देश दिए कि रिकूटमेंट एजेंसियों के साथ नियमित संवाद कायम रखा जाए। सभी लंबित प्रस्ताव शीघ्र भेजे जाएँ और औपचारिकताओं की पूर्ति कर समयबद्ध भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ की समय पर नियुक्ति से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और उपलब्धता दोनों में सुधार आएगा।

उप मुख्यमंत्री  शुक्ल ने एमआरआई एवं सीटी स्कैन सेवाओं की सतत मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मरीजों को इन सुविधाओं का सुविधाजनक, पारदर्शी और निर्बाध प्रदाय सुनिश्चित किया जाए। मशीनों की कार्यशील स्थिति और रिपोर्टिंग में किसी भी प्रकार की देरी को गंभीरता से लिया जाए। आगामी वर्षों में स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए नए मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों के प्रस्ताव भविष्य की आवश्यकताओं और चिकित्सकीय मानकों के अनुरूप तैयार किए जाएँ। इन संस्थानों में शिक्षण, अनुसंधान और सेवा – तीनों पहलुओं में संतुलन बनाकर दीर्घकालिक उपयोगिता और स्थायित्व सुनिश्चित किया जाए।

उप मुख्यमंत्री  शुक्ल ने दवाओं की गुणवत्ता एवं पर्याप्त उपलब्धता पर विशेष बल देते हुए कहा कि प्रत्येक जिला और मेडिकल कॉलेज में दवाओं की आपूर्ति प्रणाली की नियमित मॉनिटरिंग की जाए। बैठक में उप मुख्यमंत्री  शुक्ल ने सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में मेडिकल टीचर्स के वेतन एवं आयुष्मान भत्ते के वितरण, छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज में छात्रावास निर्माण और नर्सिंग पदों पर भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा भी की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इन कार्यों को प्राथमिकता के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिए।

 

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