पंजाब में पराली जलने से AQI प्रभावित, किसानों पर 266 FIR और 17 लाख रुपये का जुर्माना

तरनतारन 

पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोतरी देखने को मिली है. पराली जलाने के कारण पर्यावरण पर इसका असर हो रहा है. पंजाब के कई शहरों में पराली जलाने के कारण AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) भी बढ़ रहा है. ताजा जानकारी के मुताबिक, पराली जलाने वाले किसानों पर अब तक 16 लाख से ज्यादा का जुर्माना तक लगा दिया गया है लेकिन फिर भी इन मामलों में कमी नहीं है. पराली जलाने का मुख्य कारण रबी की फसल के लिए खेत जल्दी तैयार करना माना जाता है. इन मामलों के पीछे पारंपरिक आदतें और जागरूकता की कमी भी है.

जुर्माने के बावजूद पराली के मामलों में तेजी
 इस सीजन में सबसे अधिक पराली जलाने के मामले सामने आए हैं. रविवार को 122 नए मामलों आए हैं. इन मामलों के साथ पंजाब में इस सीजन पराली जलाने के कुल मामले 743 हो गए हैं. पंजाब के तरनतारन जिले में अब तक 224 मामले सामने आए हैं और ये जिला पराली जलाने में टॉप पर है. इसके बाद अमृतसर में अब तक कुल 154 मामले सामने आ चुके हैं.

वहीं, पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ अब तक 16 लाख 80 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है और 266 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है और 296 मामलों में किसानों की जमीन के रेवेन्यू रिकॉर्ड में रेड एंट्री भी की गई है. 

पराली जलाने का AQI पर असर
पिछले 6 दिन में ही पराली जलाने के कुल 328 मामले पंजाब में सामने आए हैं. बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में धान की कटाई तेजी से होगी ऐसे में इन मामलों की संख्या और ज्यादा बढ़ सकती है. इन पराली जलाने के मामलों से लगातार पंजाब के कई शहरों का AQI बेहद खराब हो रहा है. रविवार को जालंधर का AQI 439, बठिंडा का 321, लुधियाना का 260, अमृतसर का 257, पटियाला का 195 और मंडी गोबिंदगढ़ का AQI 153 रिकॉर्ड किया गया.

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