शादी का मौसम शुरू! नवंबर-दिसंबर में होने वाले सबसे शुभ मुहूर्त जानें

जालंधर 
हिंदू रीति-रिवाज को मानने वाले लोग शादी, मुंडन, गृह प्रवेश, नया वाहन और मकान लेने तक के लिए शुभ दिन निर्धारित करवाते हैं। मान्यता है कि किसी शुभ मुहूर्त को देखकर ही कोई मांगलिक कार्य पूरा किया जाता है तभी शुभ फल की भी प्राप्ति होती है। चातुर्मास आरंभ हो जाने के बाद मांगलिक कार्य बंद हो जाता है लेकिन जैसे ही चातुर्मास खत्म होता है फिर से मांगलिक कार्य की शुरुआत हो जाती है सनातन परंपरा में चातुर्मास खत्म होने के बाद जैसे ही देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह की पूजा सम्पन्न होती है, उसके बाद विवाह के उत्तम मुहूर्त मिलने प्रारंभ हो जाते हैं। इस साल पंचांग अनुसार देवउठनी एकादशी का पावन पर्व 1 नवम्बर को मनाया जाएगा। इस दिन श्री हरि विष्णु भगवान के जागने के बाद विवाह के उत्तम मुहूर्त शुरू हो जाएंगे।

धार्मिक और सामाजिक महत्व
देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह धार्मिक दृष्टि के साथ-साथ सामाजिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। इस दिन से विवाह जैसे मांगलिक कार्य शुरू होते हैं, जिससे पूरे समाज में उत्सव का माहौल बनता है। हिंदू परिवारों में इसे नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।  इस प्रकार साल 2025 में देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह एक बार फिर शुभ कार्यों के द्वार खोलने जा रहे हैं, जो लोग शादी या अन्य मांगलिक कार्य करने की योजना बना रहे हैं, वे इन मुहूर्तों का ध्यान रखकर अपने जीवन के नए सफर की शुरुआत कर सकते हैं।

कब होगा तुलसी विवाह
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 1 नवम्बर को सुबह 9 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगी और 2 नवम्बर को सुबह 7 बजकर 31 मिनट पर समाप्‍त होगी। लिहाजा देवउठनी एकादशी 1 नवम्बर की होगी।  तुलसी विवाह, देवउठनी एकादशी के अगले दिन द्वादशी तिथि पर होता है। पंचांग के अनुसार, 2025 में कार्तिक शुक्ल द्वादशी तिथि की शुरुआत 2 नवम्बर को सुबह 7 बजकर 31 मिनट से होगी और इसका समापन 3 नवम्बर को सुबह 5 बजकर 7 मिनट पर होगा, यानी कि तुलसी विवाह 2 नवम्बर, रविवार को किया जाएगा। विधि-विधान से तुलसी विवाह कराने से घर में सुख-समृद्धि आती है, वैवाहिक जीवन सुखमय होता है, सौभाग्‍य बढ़ता है।

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