तनोट माता के दरबार पहुंचे राजनाथ सिंह, देश की सुरक्षा व समृद्धि के लिए की प्रार्थना

जैसलमेर 
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जैसलमेर के दौरे पर हैं। वह शुक्रवार को जैसलमेर स्थित तनोट माता मंदिर गए और माता के दर्शन किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जैसलमेर के तनोट माता मंदिर में दर्शन कर आत्मिक शांति और आशीर्वाद का अनुभव हुआ। इस मंदिर की ऊर्जा अत्यंत अद्भुत और अलौकिक है।
राजनाथ सिंह ने मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना की और देश की सुरक्षा एवं समृद्धि के लिए माता से आशीर्वाद मांगा। तनोट माता मंदिर का भारतीय सेना से गहरा ऐतिहासिक संबंध रहा है। 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्धों के दौरान यह मंदिर सैनिकों के लिए आस्था और प्रेरणा का प्रतीक बना रहा। रक्षा मंत्री की यह यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक रही बल्कि उन्होंने इसे देश की सीमाओं पर तैनात जवानों की अदम्य भावना और राष्ट्रभक्ति को समर्पित बताया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 23 अक्टूबर की शाम को राजस्थान के जैसलमेर पहुंचे थे। यहां उन्होंने सेना के बड़ाखाना के दौरान सैनिकों के साथ बातचीत की। इस मौके पर राजनाथ सिंह ने कहा कि अब भारत के खिलाफ कोई भी दुस्साहस करने से पहले पाकिस्तान को दो बार सोचना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हमारे सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन 'सिंदूर' के तहत पाकिस्तान को कड़ी संदेश दिया है।
राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है, केवल रुका हुआ है। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि किसी भी दुस्साहस की स्थिति में उसे और भी कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। हमारे पायलटों ने सिर्फ भारत की ताकत का एक नमूना दिखाया है; यदि अवसर मिला तो वे हमारी असली क्षमता प्रदर्शित करेंगे।
राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर देते हुए कि देश के विरोधी कभी निष्क्रिय नहीं रहते हैं, सशस्त्र बलों से सदैव सतर्क एवं पूरी तरह तैयार रहने और उनकी गतिविधियों के विरुद्ध उचित व प्रभावी कदम उठाने का आह्वान किया। रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2047 तक भारत को एक विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के सरकार के दृष्टिकोण को साकार करने में सशस्त्र बलों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि हमारे सैनिक केवल सीमाओं के रक्षक ही नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण के अग्रदूत भी हैं। रक्षा मंत्री ने कहा, ''यह सदी भारत की है, भविष्य हमारा है। आत्मनिर्भरता की दिशा में जो प्रगति हमने की है, उससे पूर्ण विश्वास है कि हमारी सेना निस्संदेह विश्व की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में अपना स्थान रखती है।'' राजनाथ सिंह ने सीमावर्ती बुनियादी ढांचे के विकास के प्रति सरकार की वचनबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि रक्षा तैयारियों को सुदृढ़ करने के लिए सीमा क्षेत्रों में तीव्र गति से विकास गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।

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